छत्तीसगढ़ में खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि, पारदर्शी खनन नीति से प्रदेश को आर्थिक मजबूती

रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने पारदर्शी खनन नीति, ई-नीलामी और डिजिटल निगरानी को अपनाकर प्रदेश के आर्थिक और औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इसी का परिणाम है कि बीते वर्षों में राज्य के खनिज राजस्व में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।

राज्य सरकार के अनुसार, छत्तीसगढ़ के गठन के समय की तुलना में खनिज राजस्व में 30 गुना वृद्धि हुई है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह राजस्व 13,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया, जबकि 2024-25 में अप्रैल से फरवरी तक ही 11,581 करोड़ रुपये अर्जित किए जा चुके हैं। यह सरकार की पारदर्शी खनन नीति और प्रभावी प्रशासन का सीधा परिणाम है।

राज्य में अब तक कुल 44 खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक ई-नीलामी की जा चुकी है, जिसमें चूना पत्थर के 14, लौह अयस्क के 9, बॉक्साइट के 11, स्वर्ण के 3, निकल-क्रोमियम के 2, ग्रेफाइट के 2, ग्लूकोनाइट के 2 और लिथियम के 1 खनिज ब्लॉक शामिल हैं। इसके अलावा, बैलाडीला क्षेत्र में तीन नए लौह अयस्क ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया मार्च 2025 तक पूरी होने की उम्मीद है।

भारत सरकार ने जनवरी 2025 में “राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन” की घोषणा की थी, जिसके अनुरूप छत्तीसगढ़ सरकार भी क्रिटिकल और सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण पर विशेष ध्यान दे रही है। इस दिशा में 56 अन्वेषण परियोजनाओं में से 31 क्रिटिकल और डीप सीटेड मिनरल्स पर केंद्रित हैं।

देश में पहली बार लिथियम खनिज ब्लॉक की सफल नीलामी भी छत्तीसगढ़ में हुई है। कोरबा जिले के कटघोरा लिथियम ब्लॉक को 76% प्रीमियम राशि पर मेसर्स साउथ मायकी मायनिंग कंपनी को आबंटित किया गया है। इसके अलावा, सुकमा और कोरबा जिलों में लिथियम के संभावित भंडार की खोज जारी है।

खनन क्षेत्र को अधिक पारदर्शी और वैज्ञानिक रूप से संचालित करने के लिए सरकार ने सेटेलाइट इमेजरी और माइनिंग सर्विलियेंस सिस्टम के माध्यम से अवैध खनन की निगरानी शुरू की है। साथ ही, गौण खनिज खानों में वैज्ञानिक पद्धति से खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है।

खनिज राजस्व का बड़ा हिस्सा सामाजिक विकास में निवेश किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में जिला खनिज संस्थान न्यास (DMF) के तहत 1,673 करोड़ रुपये की निधि प्राप्त हुई, जिससे 9,362 विकास कार्यों को मंजूरी दी गई। इसमें शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, पेयजल और कौशल विकास जैसी योजनाएं शामिल हैं, जिससे खनन प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का जीवनस्तर बेहतर हुआ है।

छत्तीसगढ़ में खनिज अन्वेषण कार्यों का भी विस्तार किया जा रहा है। चूना पत्थर, बॉक्साइट, लौह अयस्क और ग्रेफाइट सहित कुल 13 खनिज परियोजनाओं में अन्वेषण कार्य जारी है। प्रारंभिक सर्वेक्षणों के अनुसार, राज्य में चूना पत्थर के 283 मिलियन टन, लौह अयस्क के 67 मिलियन टन और बॉक्साइट के 3 लाख टन भंडार की संभावना है।

इसके अलावा, सूरजपुर जिले के जाजावल क्षेत्र में यूरेनियम ब्लॉक के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग को प्रस्ताव भेजा गया है, और पूर्ववर्ती कोरिया जिले में कोल बेड मीथेन (CBM) के अन्वेषण के लिए वेदांता लिमिटेड एवं ऑईलमैक्स को पेट्रोलियम अन्वेषण लाइसेंस स्वीकृत किया गया है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों, सतत विकास की रणनीतियों और कुशल प्रशासनिक प्रयासों से छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी औद्योगिक और आर्थिक केंद्र के रूप में उभर रहा है। आने वाले वर्षों में राज्य अपनी समृद्ध खनिज संपदा और रणनीतिक पहलों के साथ भारत के प्रमुख माइनिंग हब के रूप में अपनी पहचान और अधिक मजबूत करेगा।

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Author: Arpa News 36