छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 12,389 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें पारित

रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वित्त, आवास एवं पर्यावरण, तथा योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 हेतु 12,389 करोड़ 29 लाख रुपये से अधिक की अनुदान मांगें पारित की गईं। इनमें वित्त विभाग के लिए 11,109 करोड़ 43 लाख रुपये, आवास एवं पर्यावरण विभाग के लिए 1,208 करोड़ 36 लाख रुपये तथा योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग के लिए 71 करोड़ 49 लाख रुपये स्वीकृत किए गए।

वित्त विभाग

वित्त मंत्री ओ. पी. चौधरी ने अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान बताया कि इस बजट में सरकारी सेवकों को पेंशन एवं अन्य सेवानिवृत्ति हितलाभ जैसे पेंशन, परिवार पेंशन, ग्रेच्युटी, एनपीएस में नियोक्ता अंशदान आदि के लिए प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2022 से पुरानी पेंशन योजना की बहाली के चलते भविष्य के पेंशन दायित्वों को ध्यान में रखते हुए 456 करोड़ रुपये की राशि पेंशन निधि में निवेश की जाएगी। छत्तीसगढ़ इस प्रक्रिया को स्थायी स्वरूप देने के लिए पेंशन निधि अधिनियम बनाने जा रहा है, जिससे यह करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा।

राज्य सरकार ने बाजार ऋणों की देयता को ध्यान में रखते हुए संचित शोधन निधि का गठन किया है, जिसमें कुल अवशेष ऋणों का 7.3 प्रतिशत से अधिक निवेश किया गया है। इसके अलावा, गारंटी मोचन निधि में भी 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो गया है।

आवास एवं पर्यावरण विभाग

मंत्री श्री चौधरी ने बताया कि नवा रायपुर अटल नगर को आधारभूत सुविधाओं से लैस करना सरकार की प्राथमिकता है। इस क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति, परिवहन सुविधा, तथा कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। सरकार ने नवा रायपुर में ‘अटल स्मारक और संग्रहालय’ निर्माण का भी निर्णय लिया है।

नवा रायपुर में निवेश और रोजगार को बढ़ावा देने हेतु आईटी कंपनियों को ‘प्लग एंड प्ले’ सुविधा के साथ बिल्ट-अप स्पेस आवंटित किए गए हैं, जिससे लगभग 2000 लोगों को रोजगार मिलेगा। साथ ही, पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए 90 पदों की भर्ती की प्रक्रिया शुरू की गई है।

योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग

मंत्री चौधरी ने बताया कि शासन की योजनाओं की प्रभावशीलता बढ़ाने हेतु ‘छत्तीसगढ़ अंजोर-विजन@2047’ दस्तावेज तैयार किया गया है, जो प्रदेश के दीर्घकालिक आर्थिक और सामाजिक विकास को दिशा देगा। इसमें 13 थीम आधारित रणनीतियों को सम्मिलित किया गया है।

वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) विभाग

मंत्री ने कहा कि जीएसटी प्रणाली से राज्य में करदाताओं की संख्या 1.28 लाख से बढ़कर 1.87 लाख हो गई है। इस वित्तीय वर्ष में अब तक जीएसटी से 20,174 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्ति हुई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक है। इसके अलावा, विभाग द्वारा कर संग्रहण की प्रक्रिया को डिजिटल रूप में परिवर्तित करने हेतु ‘बिजनेस इंटेलिजेंस यूनिट’ की स्थापना की गई है।

पंजीयन विभाग में सुधार के तहत 25 रजिस्ट्री ऑफिस के लिए नए भवन निर्माण का प्रावधान किया गया है। साथ ही, नए 85 पद सृजित किए गए हैं जिससे पंजीयन प्रक्रियाओं को सरल और सुचारु किया जा सके। ‘सुगम’ मोबाइल एप के माध्यम से पंजीयन प्रणाली को डिजिटल किया गया है, जिससे संपत्ति का सटीक मूल्यांकन संभव हो पा रहा है।

छत्तीसगढ़ विधानसभा में वित्त, आवास एवं पर्यावरण, योजना, आर्थिक एवं सांख्यिकी, वाणिज्यिक कर (जीएसटी एवं पंजीयन) विभाग से संबंधित अनुदान मांगों पर विधायकगण राघवेन्द्र सिंह, अमर अग्रवाल, धर्मजीत सिंह, सुनील सोनी, शेषराज हरवंश, एवं हर्षिता बघेल ने अपने विचार रखे।

 

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Author: Arpa News 36