रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को कृषि एवं आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम के विभागों के लिए 63,273 करोड़ 82 लाख 11 हजार रुपये की अनुदान मांगें पारित की गईं। मंत्री नेताम ने बताया कि राज्य सरकार ने आदिवासी और पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए नए बजट में विशेष प्रावधान किए हैं, जिसमें शिक्षा, बुनियादी ढांचे, कृषि और आजीविका के विकास को प्राथमिकता दी गई है।
आदिवासी विकास के लिए बड़ा बजट प्रावधान
मंत्री नेताम ने कहा कि आदिम जाति कल्याण विभाग की योजनाओं के लिए 2956 करोड़ 40 लाख 52 हजार रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें:
- अनुसूचित जनजाति वर्ग: 2205 करोड़ 19 लाख 38 हजार रुपये
- अनुसूचित जाति वर्ग: 531 करोड़ 17 लाख 64 हजार रुपये
- ओबीसी एवं अल्पसंख्यक वर्ग: 220 करोड़ 3 लाख 50 हजार रुपये
इसके अलावा, आदिवासी उपयोजना मद में 40,800 करोड़ रुपये और अनुसूचित जाति उपयोजना मद में 14,036 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
मंत्री ने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजातियों के विकास के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राज्य के 18 जिलों में 2 लाख 29 हजार से अधिक विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार रहते हैं, जिनके विकास के लिए योजनाएं चलाई जाएंगी।
धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान
नेताम ने बताया कि केंद्र सरकार की 80 हजार करोड़ रुपये की “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष योजना” के तहत छत्तीसगढ़ के 6,000 गांवों में सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल और सिंचाई जैसी बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा।
शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी संग्रहालय बनेगा देश का सर्वश्रेष्ठ संग्रहालय
मंत्री ने जानकारी दी कि नया रायपुर में निर्माणाधीन “शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी संग्रहालय” देश का सबसे बेहतरीन आदिवासी संग्रहालय होगा। यहां आदिवासी समाज के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को प्रदर्शित किया जाएगा।
धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए बजट प्रावधान
- अखरा विकास योजना: 2.50 करोड़ रुपये
- करमा परंपरा के संरक्षण के लिए: 2.50 करोड़ रुपये
- गिरौदपुरी और भंडारपुरी में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए: 2.24 करोड़ रुपये
- भंडारपुरी में गुरुद्वारा (मोती महल) निर्माण के लिए: 17.80 लाख रुपये
कृषि क्षेत्र में नई योजनाएं
कृषि मंत्री नेताम ने किसानों के हित में कई बड़े ऐलान किए:
- तखतपुर में उद्यानिकी महाविद्यालय की स्थापना
- किसान समृद्धि योजना: 11 करोड़ रुपये
- कृषि प्रशिक्षण और पर्यटन: 2 करोड़ रुपये
- श्री अन्न (कोदो, कुटकी, रागी) की खेती को बढ़ावा
- खरीफ एवं रबी फसलों की समर्थन मूल्य पर खरीद: 80 करोड़ रुपये
- बांस की खेती को बढ़ावा: 10 करोड़ रुपये
- वर्टिकल फार्मिंग सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना: 15 करोड़ रुपये
नेता प्रतिपक्ष ने उठाए सवाल
विधानसभा में चर्चा के दौरान नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत समेत पक्ष-विपक्ष के कई सदस्यों ने भाग लिया। चर्चा के दौरान आदिवासी कल्याण योजनाओं, आश्रम-छात्रावासों की स्थिति और कृषि क्षेत्र की नीतियों पर विस्तार से चर्चा हुई।
छत्तीसगढ़ सरकार के इस बजट में आदिवासी, कृषि और ग्रामीण विकास को विशेष प्राथमिकता दी गई है, जिससे राज्य के समग्र विकास को गति मिलेगी।
