बस्तर पंडुम 2025: लोकसंस्कृति और उत्सवधर्मिता का भव्य संगम

रायपुर। बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और उसे नई पीढ़ी तक पहुंचाने के उद्देश्य से “बस्तर पंडुम 2025” का आयोजन किया जा रहा है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में मांदर की थाप पर नाचते कलाकारों की उपस्थिति में बस्तर पंडुम 2025 के लोगो का अनावरण किया और इस आयोजन के सफल संचालन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि बस्तर के लोग जीवन को उत्सव की तरह जीते हैं और उनकी संस्कृति को सहेजने के लिए यह आयोजन बेहद महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बस्तर में शांति स्थापना और विकास के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। बस्तर ओलंपिक और अबूझमाड़ पीस हॉफ मैराथन की सफलता यह दर्शाती है कि बस्तर के लोग अब शांति और प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास को गति देने के लिए सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं, जिनमें पुवर्ती गांव में अस्पताल खोलने और “नियद नेल्ला नार योजना” के तहत बस्तरवासियों की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के प्रयास शामिल हैं।

“बस्तर पंडुम” गोंडी भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है “बस्तर का उत्सव”। इस आयोजन के प्रतीक चिन्ह में इंद्रावती नदी, चित्रकूट जलप्रपात, राजकीय पशु वनभैंसा, राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना, बायसन हॉर्न मुकुट, तुरही, ढोल, सल्फी और ताड़ी के पेड़ को दर्शाया गया है। यह लोगो बस्तर के लोकजीवन और उसकी सांस्कृतिक पहचान को जीवंत रूप में प्रस्तुत करता है।

“बस्तर पंडुम 2025” में बस्तर की लोकसंस्कृति, नृत्य, गीत, वाद्ययंत्र, वेशभूषा, शिल्प-चित्रकला और पारंपरिक व्यंजन से जुड़ी प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। यह आयोजन तीन चरणों में होगा:
📌 जनपद स्तरीय प्रतियोगिता: 12 से 20 मार्च
📌 जिला स्तरीय प्रतियोगिता: 21 से 23 मार्च
📌 संभाग स्तरीय प्रतियोगिता: 1 से 3 अप्रैल (दंतेवाड़ा में)

विजेताओं को विशेष पुरस्कार और प्रमाण पत्र दिए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह आयोजन बस्तर के परंपरागत नृत्य-गीत, रीति-रिवाज, आभूषण और व्यंजनों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। आयोजन की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक विशेष चयन समिति बनाई गई है, जिसमें प्रशासनिक अधिकारी, आदिवासी समाज के वरिष्ठ मुखिया, पुजारी और अनुभवी कलाकार शामिल रहेंगे।

इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरुण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, विधायक किरण देव, लता उसेंडी, विनायक गोयल और संस्कृति विभाग के सचिव अन्बलगन पी. सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

“बस्तर पंडुम 2025” न केवल बस्तर की लोकसंस्कृति को संरक्षित करेगा बल्कि वहां के कलाकारों को एक सशक्त मंच भी प्रदान करेगा। यह आयोजन बस्तर की सांस्कृतिक समृद्धि और उत्सवधर्मिता का भव्य संगम साबित होगा।

Arpa News 36
Author: Arpa News 36