रायपुर: भारतमाला परियोजना में हुए मुआवजा घोटाले को लेकर विधानसभा में आज जबरदस्त हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस मामले को जोर-शोर से उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस घोटाले से भारत सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।
मंत्री ने माना गड़बड़ी हुई, पर सीबीआई जांच से इनकार
राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने सदन में स्वीकार किया कि मुआवजा वितरण में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई हैं। उन्होंने बताया कि इस घोटाले में कई तरह की अनियमितताएं सामने आई हैं, जैसे भू-अधिग्रहण के बाद रकबे के टुकड़े किए गए, मुआवजा असली मालिक के बजाय अन्य लोगों को दिया गया, और ट्रस्ट की जमीन का मुआवजा ट्रस्ट को न देकर किसी व्यक्ति को दे दिया गया।
हालांकि, विपक्ष की सीबीआई जांच की मांग पर सरकार ने असहमति जताई। मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि पूरे मामले की जांच संभागीय आयुक्त से कराई जाएगी और दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। मुख्यमंत्री ने भी सीबीआई जांच की मांग को खारिज करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में सीबीआई की एंट्री ही बैन कर दी गई थी।
विपक्ष का वाकआउट, हाईकोर्ट जाने की चेतावनी
मुख्यमंत्री और मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। वाकआउट से पहले नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने कहा कि सरकार का जवाब संतोषजनक नहीं है, इसलिए अब इस मामले को हाईकोर्ट में ले जाया जाएगा। इस पर सत्ता पक्ष ने तंज कसते हुए कहा, “आप जा सकते हैं, कौन रोक सकता है आपको?”
इस पूरे मामले पर अब सभी की निगाहें सरकार की आगामी कार्रवाई और विपक्ष के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।
