श्री नारायणा अस्पताल में 45 करोड़ की कर चोरी उजागर, आयकर विभाग की बड़ी कार्रवाई

रायपुर। राजधानी के प्रतिष्ठित श्री नारायणा अस्पताल में आयकर विभाग की मूल्यांकन शाखा द्वारा की गई व्यापक सर्वे कार्रवाई में 45 करोड़ रुपये की कर चोरी का खुलासा हुआ है। अस्पताल संचालक डॉ. सुनील खेमका ने विस्तृत पूछताछ के बाद यह स्वीकार किया कि कर बचाने के लिए नकद प्राप्तियों को छुपाया गया और खर्चों को कृत्रिम रूप से बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया गया।

48 घंटे चला ऑपरेशन, 26 सदस्यीय टीम ने संभाली कमान

मुख्य आयकर आयुक्त (सीसीआईटी) अपर्णा करन और प्रधान आयकर आयुक्त (पीसीआईटी) प्रदीप हेडाऊ के प्रत्यक्ष निर्देशन में यह ऑपरेशन 48 घंटे तक चला। संयुक्त आयुक्त बीरेंद्र कुमार और उप आयुक्त राहुल मिश्रा के नेतृत्व में 26 सदस्यीय टीम ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। सर्वे के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, जिसमें आठ सशस्त्र पुलिसकर्मी भी तैनात थे।

डॉ. सुनील खेमका ने स्वीकार की कर गड़बड़ी

आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “श्री नारायणा अस्पताल के निदेशक डॉ. सुनील खेमका को गहन पूछताछ के बाद कर गड़बड़ी स्वीकार करनी पड़ी। उनके खिलाफ 45 करोड़ रुपये की कर चोरी का मामला सामने आया है, जिसके तहत उन्हें तत्काल 11 करोड़ रुपये अग्रिम कर जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, कर विभाग अतिरिक्त दंड और ब्याज की गणना कर आगे की कार्रवाई करेगा।”

दो महीने से थी नजर, फर्जी खर्चों से घटाई कर देयता

सूत्रों के अनुसार, अस्पताल पर बीते दो महीनों से नजर रखी जा रही थी। आयकर अधिकारियों ने लेन-देन, आय-व्यय के रिकॉर्ड और वित्तीय दस्तावेजों का गहन अध्ययन किया। सर्वे में सामने आया कि अस्पताल प्रशासन ने बड़ी मात्रा में नकद लेन-देन को कर विवरणी में दर्ज नहीं किया और फर्जी खर्चे जोड़कर कर देयता को कृत्रिम रूप से कम दिखाया।

फर्जी बिलिंग और काल्पनिक खर्चों के सबूत बरामद

जांच में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल डेटा मिले हैं, जो वित्तीय हेरफेर को प्रमाणित करते हैं। एक अधिकारी ने बताया, “अस्पताल के लेखांकन में बड़े पैमाने पर फर्जी बिलिंग और काल्पनिक खर्चों का समावेश किया गया था, जिसका उद्देश्य कर चोरी करना था।”

आगे भी जारी रहेगी सख्त कार्रवाई

आयकर विभाग ने अस्पताल के वित्तीय रिकॉर्ड, अचल संपत्तियों में किए गए निवेश और डिजिटल साक्ष्यों को जब्त कर विस्तृत जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि इस कार्रवाई के बाद निजी अस्पतालों और अन्य बड़े संस्थानों पर सख्त नजर रखी जाएगी।

आयकर विभाग की इस बड़ी कार्रवाई ने चिकित्सा क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। वित्तीय अनियमितताओं को रोकने और कर चोरी पर नकेल कसने के लिए विभाग अपनी सर्वे रणनीति को और मजबूत करने की योजना बना रहा है।

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Author: Arpa News 36