सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला: छत्तीसगढ़ के 1.80 लाख एलबी शिक्षकों को मिलेगा क्रमोन्नति वेतनमान

रायपुर : छत्तीसगढ़ में एलबी संवर्ग के 1.80 लाख शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है। सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार की विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) को खारिज कर दिया है, जिससे क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ मिलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इस फैसले के बाद छत्तीसगढ़ प्रधान पाठक मंच एवं शिक्षक एलबी संवर्ग संघ के प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने सरकार से शीघ्र आदेश जारी करने की मांग की है।

हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई

शिक्षिका सोना साहू ने पहले छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में इस मामले में याचिका दायर की थी, जिसमें कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्य सरकार शिक्षकों को क्रमोन्नति वेतनमान का लाभ दे, लेकिन सरकार ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी हाईकोर्ट के आदेश को सही ठहराया और राज्य सरकार की याचिका को खारिज कर दिया।

संघ की मांग: जल्द से जल्द लागू हो आदेश

प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला छत्तीसगढ़ के एलबी संवर्ग के शिक्षकों की ऐतिहासिक जीत है। उन्होंने बताया कि शिक्षकों ने 15 वर्षों तक लगातार इस मुद्दे पर संघर्ष किया, और अब जब फैसला शिक्षकों के पक्ष में आया है, तो राज्य सरकार को बिना देरी किए आदेश जारी करना चाहिए।

उन्होंने कहा,
“2011 में राज्य सरकार ने क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश दिया था, जिसका पालन 2013 तक किया गया। लेकिन बाद में इसे भूतलक्षी प्रभाव से निरस्त कर दिया गया, जो अन्यायपूर्ण था। इसके बाद शिक्षकों ने लगातार कोर्ट में अपनी लड़ाई जारी रखी, जिसमें आखिरकार जीत मिली। अब सरकार को इस फैसले का सम्मान करते हुए तुरंत आदेश जारी करना चाहिए, ताकि 1.50 लाख शिक्षकों को इसका लाभ मिल सके।”

शिक्षकों से चंदा वसूली पर जताई आपत्ति

संघ के प्रदेश अध्यक्ष ने शिक्षकों से अपील की कि वे किसी तथाकथित संगठन के बहकावे में न आएं। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ संगठन हाईकोर्ट के फैसले का श्रेय लेने के लिए शिक्षकों से चंदा वसूल रहे हैं।

उन्होंने कहा,
“इस केस को शिक्षिका सोना साहू ने लड़ा और कुछ आम शिक्षकों ने ही उन्हें सहयोग दिया। लेकिन अब कुछ लोग इसे वसूली का जरिया बना रहे हैं और बारकोड भेजकर वकील की फीस के नाम पर शिक्षकों से चंदा ले रहे हैं। यह पूरी तरह से शिक्षकों के साथ धोखा है।”

उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे इस मामले में किसी को भी चंदा न दें और इस तरह के संगठनों से सावधान रहें।

संघ ने सरकार से की मांग

संघ ने प्रदेश सरकार से आग्रह किया है कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हुए बिना किसी देरी के क्रमोन्नति वेतनमान का आदेश जारी करे। संघ ने यह भी कहा कि यह जीत पूरे प्रदेश के शिक्षकों की है, जिन्होंने वर्षों तक संघर्ष किया।

प्रदेश अध्यक्ष जाकेश साहू ने इस जीत के लिए उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय का आभार व्यक्त किया और शिक्षिका सोना साहू सहित सभी शिक्षकों को धन्यवाद दिया, जिन्होंने इस न्यायिक लड़ाई को सफल बनाया।

अब सभी की नजरें राज्य सरकार पर टिकी हैं कि वह इस ऐतिहासिक फैसले को कब लागू करती है।

Arpa News 36
Author: Arpa News 36