नई दिल्ली : होली का पर्व प्रेम और खुशियों का संदेश लेकर आता है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी माना जाता है। इस वर्ष होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार की रात 10:30 बजे के बाद किया जाएगा। विशेष मुहूर्त में होलिका दहन करना चाहते हैं तो रात 11:27 बजे के बाद शुभ समय रहेगा, क्योंकि तब तक भद्रा पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इस बार होलिका दहन के लिए कुल 47 मिनट का विशेष समय उपलब्ध होगा। इसके बाद रातभर होलिका जलाने का शुभ मुहूर्त रहेगा।
होलिका पूजन का शुभ समय
होलिका पूजन पूर्णिमा तिथि लगने के बाद 13 मार्च को सुबह 10:58 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक और दोपहर 3:27 बजे से शाम 6:25 बजे तक किया जा सकता है। राहुकाल दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक रहेगा, इसलिए इस दौरान पूजा करने से बचना चाहिए।
होलिका पूजन विधि
होलिका दहन से पहले महिलाएं पूजा करने और परिक्रमा करने जाती हैं। पूजा के लिए गुजिया, गोबर की गुलरियां, फूलमाला, जल, सिक्का, रोली आदि अर्पित करें। होलिका पर कलावा बांधकर परिक्रमा करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।
चंद्रग्रहण का असर नहीं
गुरुवार और शुक्रवार की रात को आंशिक चंद्रग्रहण रहेगा, लेकिन यह भारत में दिखाई नहीं देगा। यह केवल दक्षिण और उत्तरी अमेरिका तथा यूरोप के कुछ हिस्सों में दिखेगा। इसलिए इसका भारत में त्योहार और धार्मिक अनुष्ठानों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
त्योहार के प्रमुख समय
- पूर्णिमा तिथि: 13 मार्च, गुरुवार रात 8:29 बजे से 14 मार्च, शुक्रवार दोपहर 12:25 बजे तक
- भद्राकाल समाप्ति: 13 मार्च, गुरुवार रात 10:29 बजे
- होलिका दहन शुभ मुहूर्त: 13 मार्च, गुरुवार रात 10:30 बजे से शुरू (रातभर)
- चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा: 14 मार्च, शुक्रवार दोपहर 12:25 बजे से 15 मार्च, शनिवार रात 2:34 बजे तक
होलिका दहन के साथ होली के रंगों का आनंद लें और प्रेम व सौहार्द का संदेश फैलाएं!
