कुरूद में नशे का बढ़ता प्रभाव, पुलिस की कार्यवाही नाकाफी!

कुरूद। थाना कुरूद पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि खेल मैदान कुरूद में एक ईको कार में कुछ व्यक्ति अवैध रूप से नशीली दवाइयों की बिक्री कर रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए मौके पर घेराबंदी कर चार आरोपियों— दुर्गेश चंद्राकर, अमित कुमार यादव, राकेश मारकंडे और भुनेश्वर प्रसाद साहू को गिरफ्तार किया। तलाशी लेने पर उनके पास से 2930 नग नशीली टेबलेट, बिक्री की राशि ₹14,170 और ₹2,50,000 मूल्य की ईको कार जब्त की गई। सभी आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक्स एक्ट की धारा 22(ख) के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है।

बड़ी मछलियां अब भी पुलिस की पकड़ से बाहर!

हालांकि, इस कार्यवाही को पुलिस की उपलब्धि माना जा सकता है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। कुरूद और आसपास के इलाकों में नशे का जाल जिस तेजी से फैल रहा है, वह स्थानीय प्रशासन के लिए गंभीर चुनौती बन चुका है। पुलिस छोटे-मोटे सौदागरों को तो गिरफ्तार कर रही है, लेकिन इस अवैध व्यापार के बड़े मगरमच्छ अब भी कानून की पकड़ से बाहर हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या पुलिस केवल दिखावे के लिए कार्यवाही कर रही है या वास्तव में नशे के नेटवर्क को जड़ से उखाड़ने के लिए प्रतिबद्ध है?

कुरूद में बढ़ता असुरक्षा का माहौल

नगर में नशेड़ियों की बढ़ती संख्या के चलते नागरिक देर रात सफर करने में असुरक्षित महसूस करने लगे हैं। चर्रा रोड सहित कई अन्य इलाकों में लूटपाट और चाकू की नोक पर चोरी जैसी घटनाएं आम हो गई हैं, जिनमें अक्सर नशे के आदी लोगों की संलिप्तता सामने आती है। यह दर्शाता है कि पुलिस की कार्यवाही अभी भी सतही स्तर पर ही सीमित है और जरूरत है कि इस काले कारोबार के असली सरगनाओं पर कड़ी कार्यवाही की जाए।

आवश्यक है कठोर कदम उठाना

अगर पुलिस प्रशासन सच में नशे के कारोबार पर रोक लगाना चाहता है तो उसे महज फुटकर विक्रेताओं को पकड़ने की बजाय इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना होगा। इस अवैध धंधे में शामिल बड़े व्यापारियों, आपूर्तिकर्ताओं और संरक्षकों को गिरफ्तार किए बिना कुरूद को नशे के जाल से मुक्त नहीं किया जा सकता। स्थानीय लोगों की मांग है कि पुलिस अपनी रणनीति को और प्रभावी बनाए और शहर को सुरक्षित बनाने के लिए ठोस कदम उठाए।

Arpa News 36
Author: Arpa News 36