छत्तीसगढ़ में मतांतरण के मामलों पर पुलिस की सख्त कार्रवाई, कई गिरफ्तार

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मतांतरण को लेकर लगातार उठ रहे सवालों के बीच प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि राज्य में संचालित गैर सरकारी संगठनों (एनजीओ) पर पूरी निगरानी रखी जा रही है। पुलिस प्रशासन चंगाई सभाओं की आड़ में किए जा रहे मतांतरण के मामलों पर सख्त कार्रवाई कर रहा है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में इस प्रकार के मामलों में उतार-चढ़ाव देखा गया है।

वर्ष 2019 और 2023 में मतांतरण का कोई मामला दर्ज नहीं हुआ था, जबकि 2020 में 01, 2021 में 07, 2022 में 03, 2024 में 12 और 2025 में अब तक 04 आपराधिक प्रकरण दर्ज किए गए हैं। इन मामलों में पुलिस ने समुचित जांच करते हुए त्वरित कार्रवाई की है।

हाल ही में दर्ज किए गए प्रमुख मामले

प्रदेश में हाल ही में विभिन्न जिलों से मतांतरण के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई कर कई आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

1. बिलासपुर – थाना सकरी

दिनांक 04 फरवरी 2025 को प्रार्थी उत्तरा कुमार साहू पिता लोमस साहू, निवासी ग्राम संबलपुरी, जिला बिलासपुर ने थाना सकरी में लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि चंगाई सभा की आड़ में प्रलोभन देकर मतांतरण कराया जा रहा है। इस शिकायत के आधार पर थाना सकरी में अपराध क्रमांक 59/2025 के तहत छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 4 के अंतर्गत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए 06 फरवरी 2025 को 02 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस मामले की विस्तृत जांच जारी है।

2. दुर्ग – थाना अमलेश्वर

दिनांक 16 फरवरी 2025 को प्रार्थिया मीनाक्षी शर्मा पति एन.के. शर्मा, निवासी अयोध्या नगर, अमलेश्वर, जिला दुर्ग ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी। इस शिकायत पर थाना अमलेश्वर में अपराध क्रमांक 16/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया। इस मामले में भारतीय दंड संहिता (बीएनएस) की धारा 299, 3(5) तथा छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 4 के तहत अपराध पंजीबद्ध कर 03 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया।

3. रायपुर – थाना पंडरी

दिनांक 26 जनवरी 2025 को प्रार्थिया श्रीमती माया अग्रवाल, पति सुभाष अग्रवाल, निवासी मितान बिहार, पंडरी, जिला रायपुर ने लिखित शिकायत दर्ज कराई थी कि कुछ लोगों द्वारा धर्म परिवर्तन के लिए दवाब डाला जा रहा है। इस शिकायत पर थाना पंडरी में अपराध क्रमांक 28/2025 के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने धारा 299, 3(5) बीएनएस तथा छत्तीसगढ़ धर्म स्वतंत्रता अधिनियम 1968 की धारा 4 के तहत 03 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

प्रशासन की सख्ती और जनता का विश्वास

छत्तीसगढ़ सरकार और पुलिस प्रशासन का कहना है कि राज्य में मतांतरण संबंधी किसी भी प्रकार की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। यदि किसी भी व्यक्ति या संस्था के विरुद्ध साक्ष्य प्राप्त होते हैं, तो उसके खिलाफ वैधानिक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

पुलिस प्रशासन द्वारा की जा रही त्वरित कार्यवाही से आम जनता में सुरक्षा की भावना बनी हुई है, और लोगों का पुलिस प्रशासन के प्रति संतोष और विश्वास कायम है। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रकार की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है और भविष्य में भी ऐसी गतिविधियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई जारी रहेगी।

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Author: Arpa News 36