बिलासपुर। छत्तीसगढ़ में रेल नेटवर्क को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। बीते पांच वर्षों में नई रेल लाइनों और ट्रैक विस्तार की दिशा में बड़े कदम उठाए गए हैं, जिससे आने वाले समय में राज्य की रेल कनेक्टिविटी को और बेहतर करने में मदद मिलेगी।
2,731 किमी की परियोजनाओं पर कार्य जारी
राज्य में कुल 2,731 किलोमीटर लंबाई की 25 रेलवे परियोजनाओं पर 37,018 करोड़ रुपये की लागत से कार्य योजना और निर्माण प्रक्रिया जारी है। इनमें से 882 किलोमीटर का कार्य पूरा किया जा चुका है।
2014-24 के दौरान 15 गुना अधिक रेल विस्तार
अगर पिछले एक दशक की तुलना करें तो 2009-14 के दौरान महज 32 किलोमीटर नई रेल लाइन बिछाई गई थी, जबकि 2014-24 के दौरान यह आंकड़ा 999 किलोमीटर तक पहुंच गया। यानी नई रेल पटरियों की कमीशनिंग में 15 गुना वृद्धि दर्ज की गई है।
रेल बजट में 22 गुना वृद्धि
रेलवे बजट आवंटन में भी बड़ी वृद्धि हुई है। वर्ष 2009-14 में जहां सालाना 311 करोड़ रुपये का बजट था, वहीं 2024-25 में यह बढ़कर 6,922 करोड़ रुपये हो गया है। इससे रेलवे बुनियादी ढांचे के विकास को नया आयाम मिला है।
नई ट्रेनों की मांग और संचालन
यात्रियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए रायपुर से जबलपुर, इंदौर, हैदराबाद और जयपुर के लिए नई ट्रेनों की मांग की गई है। रेलवे के अनुसार, नई रेलगाड़ियों का संचालन यात्रियों की मांग, परिचालन व्यवहार्यता और नेटवर्क जरूरतों के आधार पर किया जाता है।
5 वर्षों में 8 नई ट्रेनें और 9 का विस्तार
बीते पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ से 8 नई ट्रेनों की शुरुआत की गई और 9 ट्रेनों का विस्तार किया गया है। इसके चलते राज्य में रेलवे कनेक्टिविटी बेहतर हुई है और यात्रियों को अधिक सुविधाएं मिल रही हैं।
रेल विस्तार से बढ़ेंगी रोजगार और व्यापार की संभावनाएं
रेलवे नेटवर्क विस्तार से न केवल परिवहन सुविधा में सुधार होगा, बल्कि इससे राज्य में रोजगार और व्यापार की संभावनाएं भी बढ़ेंगी। रेलवे ट्रैक विस्तार और नई ट्रेनों के संचालन से जहां ट्रेनों के विलंब से चलने की समस्या कम होगी, वहीं राज्य में औद्योगिक और आर्थिक गतिविधियों को भी मजबूती मिलेगी। छत्तीसगढ़ में रेलवे के विस्तार से भविष्य में परिवहन व्यवस्था को गति मिलेगी। मौजूदा रेलवे परियोजनाओं के तेजी से क्रियान्वयन से राज्य में विकास और रोजगार के नए अवसर सृजित होने की उम्मीद है।
