रायपुर । भारतमाला प्रोजेक्ट की जांच को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विधानसभा के शून्यकाल में एक बार फिर यह मुद्दा जोरशोर से उठा। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सरकार से जवाब मांगते हुए सवाल किया कि जब सदन में कमिश्नर से जांच कराने की घोषणा की गई थी, तो बिना सदन को सूचना दिए EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) से जांच का आदेश कैसे दे दिया गया?
नेता प्रतिपक्ष महंत ने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि कैबिनेट ने EOW जांच की घोषणा कर दी, जो कि मंत्री के पूर्व बयान से भिन्न है। उन्होंने सरकार से इस पर स्पष्ट जवाब देने की मांग की।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भी टिप्पणी करते हुए कहा कि सत्र के दौरान यदि कोई जांच की घोषणा होती है, तो उसे सदन के संज्ञान में लाना आवश्यक है। उन्होंने मंत्री टंकराम वर्मा से इस विषय पर सदन में बयान देने को कहा।
खरसिया विधायक उमेश पटेल ने इस मुद्दे को विधानसभा के विशेषाधिकार हनन से जोड़ते हुए आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “सदन में मंत्री कमिश्नर से जांच की बात कहते हैं, लेकिन सदन के बाहर EOW जांच की बात सामने आती है। यह सदन की कार्यवाही को हल्के में लेने जैसा है।”
इस विवाद पर मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि वह सदन की कार्रवाई समाप्त होने से पहले इस विषय पर अपना पक्ष रखेंगे। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार इस मामले में क्या स्पष्टीकरण देती है और विपक्ष इस पर क्या रुख अपनाता है।
