रायपुर : मंगलवार को विधानसभा सत्र के दौरान भाजपा विधायक रितेश सेन को एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से कड़ी हिदायत मिली। प्रश्नकाल के दौरान सेन ने अपने विधानसभा क्षेत्र में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल की मांग उठाई थी, लेकिन अपनी बात रखते हुए उन्होंने ऊंची आवाज में असहज शब्दों का इस्तेमाल कर दिया।
इस पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए कहा, “आप कठोर से कठोर सवाल कर सकते हैं, लेकिन आपके सवालों में सम्मान झलकना चाहिए।” उन्होंने सेन को संयमित भाषा का उपयोग करने की सलाह दी। इससे पहले भी पिछले सप्ताह नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के प्रश्न के दौरान सेन को स्पीकर से फटकार मिल चुकी थी।
विधानसभा में रितेश सेन ने आरोप लगाया कि सुपेला स्थित शास्त्री अस्पताल में 100 बिस्तरों की सुविधा नहीं है, जिससे क्षेत्र की तीन लाख से अधिक आबादी को इलाज में दिक्कतें हो रही हैं। इस पर स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने जवाब दिया कि अस्पताल 80 बिस्तरों का है, लेकिन 100 बिस्तरों की तरह संचालित किया जा रहा है। यहां अधिकांश विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद हैं और कई तरह की जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं।
मंत्री के जवाब पर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने सवाल उठाते हुए कहा कि “जब अस्पताल 100 बिस्तरों का नहीं है, तो वहां उतनी सुविधाएं कैसे उपलब्ध हैं?” इस पर सेन ने चंद्राकर को घेरते हुए कहा कि “आप भी स्वास्थ्य मंत्री रहे हैं और 100 बिस्तर करने की घोषणा कर चुके थे, लेकिन कुछ नहीं किया।”
अजय चंद्राकर ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा कि उन्होंने न सदन में और न ही बाहर कभी ऐसी घोषणा की थी। सेन ने आगे कहा कि “पिछले पांच वर्षों में अस्पताल को एक रुपये का भी बजट आवंटित नहीं किया गया, जिससे इसका भवन जर्जर हो चुका है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है।”
आखिर में मंत्री जायसवाल ने आश्वासन दिया कि सरकार सुपेला में 100 बिस्तरों का नया अस्पताल बनाने पर विचार कर रही है। इस मुद्दे पर सदन में काफी चर्चा हुई और विपक्ष ने सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया।
