पंचायत सचिवों के नियमितीकरण का मामला विधानसभा में गूंजा, सरकार ने कमेटी की रिपोर्ट को ठहराया जिम्मेदार

रायपुर : छत्तीसगढ़ में पंचायत सचिवों के नियमितीकरण का मुद्दा मंगलवार को विधानसभा में जोर-शोर से उठा। विधायक कुंवर सिंह निषाद के सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि पंचायत सचिवों के नियमितीकरण को लेकर एक समिति का गठन किया गया था, जिसे 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी थी। लेकिन अब तक समिति की ओर से कोई प्रतिवेदन नहीं सौंपा गया है, जिसके चलते नियमितीकरण की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ सकी है।

पंचायत मंत्री ने स्पष्ट किया कि जब तक समिति अपनी रिपोर्ट जमा नहीं करती, तब तक पंचायत सचिवों के नियमितीकरण की कोई निश्चित समयसीमा बताना संभव नहीं है। इस जवाब के बाद सदन में विपक्ष ने सरकार को घेरा और पंचायत सचिवों की हड़ताल का मुद्दा उठाया।

पंचायत सचिव लंबे समय से नियमितीकरण की मांग कर रहे हैं और इस मुद्दे को लेकर वे हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी मांग है कि उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा मिले और वेतनमान में सुधार किया जाए। सरकार की ओर से कमेटी के गठन के बावजूद अब तक ठोस कदम नहीं उठाए जाने से सचिवों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने कहा कि समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही सरकार कोई ठोस निर्णय ले सकेगी। ऐसे में अब पंचायत सचिवों की नजरें सरकार के अगले कदम पर टिकी हैं। यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो पंचायत सचिवों का आंदोलन और तेज हो सकता है, जिससे प्रशासनिक कामकाज पर असर पड़ने की आशंका है।

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Author: Arpa News 36