छत्तीसगढ़ विधानसभा में 19,643 करोड़ रुपये की अनुदान मांगें पारित, मुख्यमंत्री ने बजट को बताया विकासोन्मुखी

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से संबंधित विभागों की वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 19,643 करोड़ 78 लाख 42 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दी गईं। इस चर्चा में सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के विधायकों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह बजट छत्तीसगढ़ को विकासशील से विकसित राज्य की ओर ले जाने वाला है और इसमें जनकल्याण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है।

ज्ञान से गति की ओर बढ़ता छत्तीसगढ़

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि पिछले वर्ष का बजट “ज्ञान” पर आधारित था, जिसमें गरीब, युवा, अन्नदाता और नारी शक्ति पर ध्यान दिया गया था। इस वर्ष का बजट “ज्ञान के लिए गति” की अवधारणा पर केंद्रित है, जिसका अर्थ है गुड गवर्नेंस, इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्रियल ग्रोथ।

भ्रष्टाचार पर सख्ती, मैनुअल फाइल सिस्टम होगा खत्म

श्री साय ने भ्रष्टाचार के खिलाफ “जीरो टॉलरेंस” नीति दोहराते हुए घोषणा की कि 1 अप्रैल से ई-ऑफिस प्रणाली लागू होगी। इसके लिए 22.67 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है, जिससे सभी सरकारी फाइलें कंप्यूटर पर संचालित होंगी और तय समय-सीमा में निपटारा होगा।

आबकारी राजस्व में बढ़ोतरी, पारदर्शिता पर जोर

मुख्यमंत्री ने बताया कि आबकारी राजस्व में सुधार हुआ है। वर्ष 2019-20 में यह 4,952.79 करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 9,573 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। समस्त लाइसेंस और शराब परमिट प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है, जिससे कर चोरी पर अंकुश लगेगा।

सुशासन और पारदर्शिता के लिए विशेष विभाग

“सुशासन एवं अभिसरण विभाग” की स्थापना की गई है, जिसके लिए 74.37 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें मुख्यमंत्री पुरस्कार योजना, नवाचार प्रोत्साहन, सुशासन फेलोशिप योजना और “अटल मॉनिटरिंग डैशबोर्ड” जैसी पहलें शामिल हैं।

परिवहन एवं ग्रामीण बस सेवा, हर गांव तक सड़क संपर्क

प्रदेश में परिवहन सेवाओं के विस्तार के लिए 209.50 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। ग्रामीण बस सेवा योजना के लिए 25 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे दूरस्थ क्षेत्रों में परिवहन सुविधा मिलेगी।

छत्तीसगढ़ बनेगा वैश्विक पर्यटन केंद्र

पर्यटन क्षेत्र के लिए 222 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। इसमें श्रीरामलला दर्शन योजना के लिए 36 करोड़, होमस्टे सुविधा के लिए 5 करोड़, शक्ति पीठ परियोजना के लिए 5 करोड़, और एडवेंचर टूरिज्म के लिए 5 करोड़ रुपये शामिल हैं।

आईटी और डिजिटल क्रांति में तेजी

इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के बजट में 42% वृद्धि की गई है, जिससे 380 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। डेटा एनालिटिक्स, आईटी इंटर्नशिप, नेटवर्क क्रांति और साइबर सुरक्षा केंद्र के लिए विशेष फंड आवंटित किया गया है।

ऊर्जा क्षेत्र में 3 लाख करोड़ का निवेश

राज्य में परमाणु, ताप और सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अगले 5-7 वर्षों में 3 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा। 50 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की भी योजना है।

शिक्षा में बड़ा निवेश, उच्च शिक्षा में 50% वृद्धि

स्कूली शिक्षा के लिए 22,473 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें छात्रवृत्ति, गणवेश, पाठ्यपुस्तकों और पोषण कार्यक्रमों के लिए अलग-अलग प्रावधान हैं। उच्च शिक्षा का बजट 50% बढ़ाकर 1,822 करोड़ रुपये किया गया है।

पशुपालन और डेयरी सेक्टर में सुधार

पशुपालन के लिए 748.85 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ समझौते के तहत डेयरी क्षेत्र में बड़े सुधार किए जाएंगे।

मछली पालन और ग्रामोद्योग को बढ़ावा

मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए 247.43 करोड़ रुपये तथा ग्रामोद्योग और हस्तशिल्प को 138.38 करोड़ रुपये का बजट मिला है। बुनकरों, कुम्हारों और पारंपरिक शिल्पकारों के लिए भी योजनाएं बनाई गई हैं।

संस्कृति और पर्यटन में नवाचार

संस्कृति विभाग के लिए 58.67 करोड़ रुपये का बजट है। गोंडी-हल्बी भाषा विकास, बस्तर पंडुम प्रतियोगिता और पुरातात्विक संग्रहालयों के उन्नयन के लिए भी धनराशि आवंटित की गई है।

धार्मिक न्यास और पत्रकार कल्याण योजनाएं

धार्मिक न्यास विभाग के लिए 49.30 करोड़ रुपये, पत्रकारों के लिए 2 करोड़ रुपये का एक्सपोजर विजिट बजट, तथा वरिष्ठ पत्रकारों की सम्मान निधि बढ़ाकर 20,000 रुपये प्रतिमाह की गई है।

हर वर्ग के विकास की प्रतिबद्धता

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह बजट हर वर्ग के उत्थान और प्रदेश के सर्वांगीण विकास को ध्यान में रखकर बनाया गया है। उन्होंने छत्तीसगढ़ को वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाने के संकल्प को दोहराया और कहा कि “हमारा संकल्प दृढ़ है, इरादे बुलंद हैं और लक्ष्य स्पष्ट है।”

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Author: Arpa News 36