प्राचीन श्रीराम मंदिर में रंगपंचमी पर बसंतोत्सव का भव्य आयोजन, फाग गीतों और फूलों की होली से गूंजा मंदिर प्रांगण

कुरुद। प्राचीन श्रीराम मंदिर में इस वर्ष भी रंगपंचमी के अवसर पर भव्य बसंतोत्सव का आयोजन किया गया। इस अवसर पर फाग प्रेमियों ने नगाड़ों, ढोलक और मंजीरे की थाप पर नाचते-गाते हुए फूलों की होली खेली। देर रात तक चले इस उत्सव में स्थानीय श्रद्धालुओं के साथ अन्य प्रदेशों से आए कलाकारों ने भी होली और फाग का आनंद उठाया।

महंत अखिलेश वैष्णव ने बताया कि 1753 से यह स्थान धार्मिक, लोक उत्सवों और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र रहा है। आज के आधुनिक दौर में डीजे संस्कृति और फिल्मी गानों के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पारंपरिक फाग उत्सव को जीवंत बनाए रखने के लिए इस आयोजन को विशेष रूप से मंदिर परिसर में आयोजित किया जाता है।

ऐसे सजी फाग मंडली

अठारहवीं शताब्दी में निर्मित इस प्राचीन मंदिर का प्रांगण रंग-बिरंगे फूलों और हरियाली से सुसज्जित किया गया था। कृत्रिम रोशनी और विशेष साज-सज्जा से वातावरण और भी मनमोहक हो गया। फाग मंडली ने नगाड़ा, तबला, ढोलक, झांझ, मंजीरा और बांसुरी की संगत में पारंपरिक फाग गीत प्रस्तुत किए। “होली खेले रघुवीरा अवध में…” जैसे गीतों ने भक्तों को आनंदित कर दिया और वे होली की मस्ती में झूम उठे।

फूलों की होली से सराबोर हुआ उत्सव

इस आयोजन की विशेषता यह रही कि यहां सिंथेटिक रंगों की जगह पारंपरिक तरीके से गेंदे और गुलाब की पंखुड़ियों से होली खेली गई। उत्सव की शुरुआत लड्डू गोपाल की पूजा-अर्चना से हुई, जिसके बाद मंदिर परिवार ने अतिथियों और श्रोताओं का स्वागत फूलों की वर्षा कर किया।

इन विशिष्ट अतिथियों ने की शिरकत

इस भव्य बसंत महोत्सव में नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति भानु चंद्राकर, जनपद सदस्य सिंधु बैस, नीरज चंद्राकर, मनोज त्रिपाठी, कैलाश शुक्ला, धीरज चंद्राकर, राघवेंद्र सोनी, जमाल रिजवी, निलेश कुमार, टिकेश्वर चंद्राकर, देवराज साहू, सुनील, जितेंद्र चंद्राकर, हरिश देवांगन, योगेंद्र सिन्हा, तामेश्वर, कार्तिक राम, भारत साहू, सचिन पुरी, हिरेश सिन्हा, कल्पना देवी, अभिषेक, पाखी, वेदांत वैष्णव, किशोर, होरी यादव, धनेश्वर निर्मलकर, डुगेश साहू सहित बड़ी संख्या में फाग प्रेमी शामिल हुए। मंदिर परिवार और स्थानीय भक्तों के अथक प्रयासों से यह आयोजन भव्य और सफल रहा, जिससे श्रद्धालु परंपराओं से जुड़ाव महसूस कर सके और संस्कृति को संजोने की प्रेरणा मिली।

Arpa News 36
Author: Arpa News 36