रायपुर । छत्तीसगढ़ विधानसभा में शुक्रवार को राजधानी में विधायकों और शासकीय सेवकों को जमीन आवंटन का मामला जोरशोर से उठा। विधायक धर्मजीत सिंह और राजेश मूणत ने नए विधायकों के लिए राजधानी में आवास की व्यवस्था न होने का मुद्दा उठाया।
विधायकों को नवा रायपुर में जमीन देने पर विचार
इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि नवा रायपुर के नकटी गांव में जमीन आवंटन पर विचार किया जा रहा है। फिलहाल जमीन के चिन्हांकन की प्रक्रिया जारी है और अंतिम निर्णय जल्द लिया जाएगा। मंत्री वर्मा ने बताया कि यह मामला संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह की जानकारी में है, और इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
शासकीय सेवकों को भी दी गई जमीन
इसके अलावा, पुरंदर मिश्रा ने शासकीय सेवकों को आवासीय भूमि आवंटन का मुद्दा उठाया। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने बताया कि शासकीय सेवकों की सहकारी समितियों को रियायती दरों पर जमीन आवंटित की गई है।
छत्तीसगढ़ राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को
ग्राम – सेरीखेड़ी (रायपुर) में स्थित खसरा नंबर 682, रकबा 12.128 हेक्टेयर में से 15 एकड़ भूमि 2018 में गाइडलाइन दरों पर आवंटित की गई थी।
अखिल भारतीय सेवा श्रेणी के अधिकारियों को
सेरीखेड़ी (रायपुर) में खसरा नंबर 80, रकबा 20.24 हेक्टेयर भूमि 2016 में गृह निर्माण मंडल को विकसित भूखंड प्रदान करने के लिए दी गई थी।
मंत्रालयीन सेवा के कर्मचारियों को
सेरीखेड़ी (रायपुर) में खसरा नंबर 431/1 और 680/1 का कुल 7.115 हेक्टेयर भूमि 2017 में सस्ती दरों पर दी गई थी।
विधायकों और सरकारी सेवकों को राजधानी में आवास देने को लेकर सदन में गरमागरम बहस हुई। सरकार ने जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया है, जिससे नए विधायकों और शासकीय सेवकों को राहत मिलने की उम्मीद है।
