धमतरी। जिले में हस्तनिर्मित वस्त्र उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कलेक्टर अविनाश मिश्रा ने बिजनापुरी में संबलपुरी साड़ी निर्माण इकाई का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने वहां कार्यरत महिलाओं से बातचीत कर उनकी समस्याओं और प्रगति की जानकारी ली। महिलाओं ने बताया कि पहले वे सामान्य कपड़ा निर्माण का कार्य करती थीं, लेकिन अब प्रशिक्षण प्राप्त कर आकर्षक और फैंसी संबलपुरी साड़ियों का निर्माण कर रही हैं, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हुई है।
कलेक्टर ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस कार्य को बड़े पैमाने पर विस्तार देने के लिए योजना तैयार करें। उन्होंने कहा कि जिले की संबलपुरी साड़ियों को राज्य और देशभर के प्रमुख बाजारों तक पहुंचाने के लिए प्रभावी रणनीति बनाई जाए। इसके लिए व्यापारिक मेलों और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स का भी उपयोग किया जाए।
बांस हाथकरघा ड्राइंग यूनिट और माटीकला केंद्र का निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कुरुद में संचालित बांस हाथकरघा ड्राइंग यूनिट का भी दौरा किया और वहां के कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। इसके साथ ही, उन्होंने नारी स्थित माटीकला केंद्र का भी अवलोकन किया, जहां मिट्टी से विभिन्न हस्तनिर्मित उत्पाद बनाए जाते हैं। कलेक्टर ने निर्देश दिए कि इन उत्पादों की बिक्री के लिए ऑनलाइन माध्यमों, प्रमुख बाजारों और उन स्थानों पर व्यवस्था की जाए, जहां इनकी अधिक मांग है।
प्रौद्योगिकी ग्राम सिर्री को फिर से किया जाएगा सक्रिय
इसके अलावा, कलेक्टर ने प्रौद्योगिकी ग्राम सिर्री का भी दौरा किया। ग्रामीणों ने उन्हें बताया कि यह भवन पहले सक्रिय था, लेकिन कुछ समय से यह बंद पड़ा है। इस पर कलेक्टर ने अधिकारियों को तत्काल प्रस्ताव तैयार कर प्रस्तुत करने का निर्देश दिया, जिससे इस भवन को पुनः संचालित किया जा सके। कलेक्टर अविनाश मिश्रा की इस पहल से जिले में पारंपरिक हस्तशिल्प और कुटीर उद्योगों को नई पहचान मिलेगी और स्थानीय महिलाओं एवं कारीगरों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्राप्त होगा।
