नई दिल्ली : टी-20 क्रिकेट में तेज गेंदबाजों की भूमिका लगातार कमजोर होती जा रही थी, लेकिन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के हालिया फैसले से उन्हें एक नई राहत मिली है। बीसीसीआई ने आईपीएल में गेंद पर लार (सलाइवा) के इस्तेमाल पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया है। इससे तेज गेंदबाजों को एक बार फिर पुरानी गेंद को चमकाने और रिवर्स स्विंग कराने का मौका मिलेगा।
टी-20 क्रिकेट में गेंदबाजों की बिगड़ती स्थिति
टी-20 क्रिकेट में अक्सर पिचें बल्लेबाजों के लिए अनुकूल बनाई जाती हैं, जिससे गेंदबाजों की मेहनत बेकार चली जाती है। आईपीएल 2024 में चार बार 263 से अधिक रन बने, जिससे गेंदबाजों की हालत और भी दयनीय हो गई। तेज गेंदबाजों की इकॉनमी रेट 8 के आसपास भी अच्छा माना जाने लगा, जबकि टेस्ट और वनडे क्रिकेट में यही गेंदबाज विकेट लेने की रणनीति बनाते हैं।
कोविड के दौरान लगा था लार बैन, गेंदबाजों पर पड़ा असर
कोविड-19 महामारी के दौरान ICC ने गेंद पर लार लगाने पर प्रतिबंध लगा दिया था, ताकि वायरस का संक्रमण न फैले। पाकिस्तान के दिग्गज वसीम अकरम ने उस समय ही चेतावनी दी थी कि यह नियम तेज गेंदबाजों को ‘रोबोट’ बना देगा।
गेंदबाज आमतौर पर पुरानी गेंद की एक साइड को थूक या लार से चमकाते हैं, जिससे गेंद रिवर्स स्विंग करने लगती है। इससे बल्लेबाजों के लिए रन बनाना मुश्किल हो जाता है। लेकिन बैन लगने के बाद गेंदबाजों को स्विंग कराने में दिक्कत आने लगी और बल्लेबाजों का दबदबा बढ़ गया।
बीसीसीआई के फैसले पर गेंदबाजों की प्रतिक्रिया
आईपीएल में इस प्रतिबंध को हटाने के फैसले का भारतीय तेज गेंदबाजों ने स्वागत किया। गुजरात टाइटंस के तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज ने कहा, “यह गेंदबाजों के लिए शानदार खबर है। जब गेंद कुछ नहीं कर रही होती, तो लार की मदद से हम रिवर्स स्विंग का फायदा उठा सकते हैं।”
हाल ही में मोहम्मद शमी ने भी वनडे क्रिकेट से लार बैन हटाने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि इससे रिवर्स स्विंग की वापसी होगी और खेल और भी दिलचस्प बनेगा।
रिवर्स स्विंग की वापसी?
रिवर्स स्विंग की खोज पाकिस्तान के इमरान खान, वसीम अकरम और वकार युनूस ने 1980 के दशक में की थी। बाद में यह तकनीक शोएब अख्तर, ब्रेट ली और शेन बॉन्ड जैसे तेज गेंदबाजों के लिए भी कारगर साबित हुई। लार के इस्तेमाल से पुरानी गेंद की एक साइड को चमकाया जाता था, जिससे गेंद हवा में तेजी से दिशा बदलने लगती थी और बल्लेबाज चकमा खा जाते थे।
अब जब बीसीसीआई ने आईपीएल में यह प्रतिबंध हटा दिया है, तो क्या आईसीसी भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इस नियम की समीक्षा करेगी? क्रिकेट जगत की नजरें इस पर टिकी हैं।
आईपीएल 2025 में यह बदलाव गेंदबाजों के पक्ष में कितना जाता है, यह देखना दिलचस्प होगा। लेकिन इतना तय है कि तेज गेंदबाजों को अब फिर से अपने कौशल का पूरा इस्तेमाल करने का मौका मिलेगा।
