धमतरी: भीषण गर्मी के चलते शहर के तालाब सूखने लगे हैं, जिससे भूमिगत जलस्तर भी तेजी से गिर रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम धमतरी ने जल संसाधन विभाग से गंगरेल बांध से पानी की मांग की है। नहरों के माध्यम से पानी तालाबों तक पहुंचाने की योजना बनाई गई है, जिसके तहत 1-2 अप्रैल तक पानी छोड़े जाने की संभावना जताई जा रही है।
10 तालाबों को नहर के पानी से भरा जाएगा
शहर के सूखते जल स्रोतों को बचाने के लिए नगर निगम ने 10 तालाबों को भरने की योजना बनाई है। इनमें शामिल हैं:
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लिमाही तालाब
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नया तालाब (सोरिद)
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शीतला तालाब
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महिमा सागर तालाब (दानीटोला)
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खपरी तालाब (टिकरापारा)
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आमा तालाब (अंबेडकर वार्ड)
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त्यागी तालाब (हटकेशर)
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रामसागर तालाब (पोस्ट ऑफिस वार्ड)
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खोडिया तालाब (रामबाग)
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गंगा तालाब (अधारी नवागांव)
तालाबों में गंदगी और जलभराव की समस्या न हो, इसके लिए नगर निगम के कर्मचारी नालों और नहरों की सफाई कर रहे हैं।
पाइप लाइन प्रोजेक्ट अब भी अधर में
नगर निगम द्वारा तालाबों को बारहमासी जल स्रोत बनाने और उन्हें आपस में जोड़ने की योजना पिछले 15 वर्षों से अधर में लटकी हुई है। लगभग 6 करोड़ रुपये की लागत से पाइपलाइन बिछाने की योजना बनी थी, लेकिन अब तक काम शुरू नहीं हो सका है। कई इलाकों में पाइप डंप किए गए हैं, लेकिन प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ सका।
जल संकट से निपटने की कोशिशें जारी
नगर निगम ने जल संकट से बचाव के लिए गंगरेल बांध से पानी लेने और तालाबों को पुनर्जीवित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। यदि समय रहते तालाबों को भरा जाता है, तो इससे गिरते जलस्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी और स्थानीय निवासियों को राहत मिलेगी। प्रशासन इस योजना को जल्द से जल्द लागू करने का प्रयास कर रहा है।
