रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महादेव सट्टा ऐप को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के वरिष्ठ नेता चरणदास महंत और प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज भी मौजूद थे।
महादेव सट्टा ऐप पर छत्तीसगढ़ सरकार की कार्रवाई
भूपेश बघेल ने कहा कि 2022 में महादेव सट्टा ऐप का खुलासा हुआ, जिसके बाद राज्य सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाए। उन्होंने बताया कि:
✔ 200 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हुई।
✔ 2,000 से अधिक बैंक खातों को सीज किया गया।
✔ 160 से अधिक मोबाइल फोन जब्त किए गए।
✔ मार्च 2022 में ऑनलाइन गेमिंग और सट्टेबाजी पर प्रतिबंध लगाने वाला विधेयक लाया गया।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूरी कोशिश की थी कि इस अवैध सट्टेबाजी को रोका जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने सहयोग नहीं किया।
ED पर राजनीति करने का आरोप
भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि ED इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग दे रही है। उन्होंने कहा कि महादेव सट्टा ऐप के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार को पत्र लिखा था, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस संबंध में पत्र लिखा गया था, लेकिन केंद्र सरकार ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
बीजेपी पर निशाना
भूपेश बघेल ने दावा किया कि महादेव सट्टा ऐप के मुख्य आरोपी और भाजपा नेताओं के बीच संबंध हो सकते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा के कुछ नेताओं की भूमिका संदिग्ध है।
✔ शुभम सोनी का नाम लेते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी ने खुद इस मामले से जुड़े वीडियो जारी किए थे।
✔ असीम दास को होटल से गिरफ्तार किया गया था, और जिस गाड़ी में वह पकड़ा गया था, वह भाजपा के एक नेता से जुड़ी बताई जा रही है।
महादेव ऐप सरगनाओं की नागरिकता का मुद्दा
भूपेश बघेल ने दावा किया कि महादेव सट्टा ऐप के मास्टरमाइंड सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल भारत की नागरिकता छोड़कर वानुआतु देश के नागरिक बन चुके हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि भारत सरकार इस मामले में निष्क्रिय क्यों रही?
उन्होंने कहा कि ललित मोदी के नागरिकता मामले में भारत सरकार ने तत्काल कदम उठाए थे, लेकिन महादेव सट्टा ऐप के सरगनाओं पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
राजनीतिक माहौल गरमाया
महादेव सट्टा ऐप को लेकर भूपेश बघेल के आरोपों से छत्तीसगढ़ की राजनीति गरमा गई है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार और भाजपा इस पर क्या प्रतिक्रिया देती है और क्या महादेव सट्टा ऐप के सरगनाओं पर कोई ठोस कार्रवाई होती है या नहीं।
