दो मासूमों की सूझबूझ से बची पिता की जान, 10 और 12 साल के बच्चों ने दिखाई बहादुरी, डूबते पिता की बचाई जान

धमतरी। शुक्रवार को रुद्री बराज में एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया, जब एक व्यक्ति नहाने के दौरान डूबने लगा। उनके साथ मौजूद छोटे-छोटे बच्चों ने सूझबूझ और हिम्मत दिखाते हुए उनकी जान बचा ली।

आमातलाब रोड निवासी संतोष देवांगन, जो एक निजी कृषि कंपनी में कार्यरत हैं, रोजाना अपने 10 वर्षीय बेटे आशु देवांगन और 12 वर्षीय भतीजे मेहुल देवांगन के साथ रुद्री बराज नहाने जाते थे। शुक्रवार सुबह करीब 8 बजे वे हमेशा की तरह वहां पहुंचे। इसी दौरान संतोष देवांगन अचानक गहरे पानी में चले गए और उनकी तबीयत बिगड़ने लगी, जिससे वे डूबने लगे।

बच्चों ने दिखाई बहादुरी, जान पर खेलकर बचाया पिता

अपने पिता को डूबता देख दोनों बच्चे बिना डरे पानी में कूद पड़े। उन्होंने पूरी ताकत से संतोष देवांगन को पकड़कर किनारे तक लाने की कोशिश की। इस दौरान उनकी छाती को पंपिंग की गई, जिससे उनके अंदर गया पानी बाहर निकला।

मेहुल तुरंत ऊपर गया और जोर-जोर से मदद के लिए चिल्लाने लगा। तभी वहां से गुजर रहे एक अनजान व्यक्ति ने सहायता की और संतोष देवांगन को दोबारा पंपिंग कर होश में लाने की कोशिश की।

108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल पहुंचाया गया

मेहुल अपने पिता मिथिलेश का मोबाइल नंबर जानता था। उसने उस अनजान व्यक्ति के फोन से मिथिलेश को कॉल कर पूरी घटना की जानकारी दी। मिथिलेश ने तुरंत 108 एंबुलेंस को सूचना दी और खुद घटनास्थल पर पहुंचे।

कुछ ही देर में रक्तदान एंबुलेंस और 108 एंबुलेंस मौके पर पहुंचीं। संतोष देवांगन को जिला अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उनकी स्थिति को खतरे से बाहर बताया। डॉ. संजय वानखेड़े के अनुसार, डूबने के कारण उनके फेफड़ों में पानी चला गया था, लेकिन समय पर बचाव किए जाने से उनकी जान बच गई।

सावधानी बरतने की जरूरत

गर्मी के दिनों में लोग नदियों, तालाबों और डैम में नहाने जाते हैं, लेकिन सुरक्षा के उपायों को नजरअंदाज करने से दुर्घटनाएं हो सकती हैं। यह घटना बताती है कि तैराकी सीखने के दौरान बच्चों को किसी प्रशिक्षित व्यक्ति की देखरेख में ही पानी में उतारना चाहिए।

आशु और मेहुल की बहादुरी की चारों ओर सराहना हो रही है, जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने पिता को बचाने में अहम भूमिका निभाई।

Arpa News 36
Author: Arpa News 36