रायगढ़। संभागायुक्त महादेव कावरे ने आज जिला कलेक्टोरेट कार्यालय और जिला अस्पताल का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कार्यालयों में अभिलेखों और पंजियों के रखरखाव में पाई गई कमियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक सप्ताह के भीतर सभी रिकॉर्ड्स को अपडेट करने के निर्देश दिए।
खास तौर पर खाद्य शाखा की सहायक वर्ग 2 भारती सिंह को सेवा पुस्तिका और कैश बुक अधूरी रखने के कारण कारण बताओ नोटिस (शो कॉज नोटिस) जारी करने के निर्देश दिए गए। उनके साथ निरीक्षण में निगम आयुक्त अमित कुमार, जिला पंचायत सीईओ संदीप अग्रवाल, एडीएम आर.ए. कुरुवंशी, शिवकुमार बनर्जी और सिविल सर्जन डॉ. अनिल गुप्ता मौजूद थे।
जिला कार्यालय में हुई गहराई से जांच
श्री कावरे ने लगभग एक घंटे तक विभिन्न शाखाओं जैसे – कलेक्टर न्यायालय, नाजिर शाखा, वित्त शाखा, रिकॉर्ड रूम, खाद्य शाखा, खनिज शाखा और कोषालय शाखा का बारीकी से निरीक्षण किया। उन्होंने सेवा पुस्तिका, कैश बुक, बिल बुक, पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति और भर्ती से जुड़ी फाइलों का गहराई से अवलोकन किया और लंबित कार्यों को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।
खास तौर पर धान मिलान की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और इसे जल्द से जल्द पूरा करने को कहा। साथ ही उज्ज्वला गैस योजना और राशन कार्ड वितरण की भी समीक्षा की गई।
जिला अस्पताल में व्यवस्थाएं देख भड़के संभागायुक्त
निरीक्षण के दूसरे चरण में संभागायुक्त ने जिला अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने मरीजों से सीधा संवाद कर सुविधाओं की जानकारी ली और सिविल सर्जन से अस्पताल की जरूरतों पर चर्चा की।
डेंटल और ऑर्थोपेडिक डॉक्टरों के समय पर ड्यूटी पर न पहुंचने पर उन्होंने सख्त नाराजगी जाहिर की और संबंधित अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने अस्पताल की रसोई का भी निरीक्षण किया और मरीजों को दिए जाने वाले खाने की गुणवत्ता को देखा।
हर दिन मरीजों को दी जाने वाली चादर का रंग तय होने की व्यवस्था को सराहा गया — शुक्रवार को पर्पल रंग की चादर बिछाई गई थी।
तेलीपारा की 70 वर्षीय महिला मरीज के लिए तुरंत आयुष्मान व ‘वय वंदन’ कार्ड बनवाने के निर्देश भी दिए गए।
पोषण पुनर्वास केंद्र भी देखा गया
श्री कावरे ने अस्पताल के पोषण पुनर्वास केंद्र का भी निरीक्षण किया जहां वर्तमान में 19 कुपोषित बच्चों का इलाज चल रहा है। उन्होंने बच्चों की माताओं से बातचीत कर बच्चों की उचित देखरेख पर बल दिया।
निरीक्षण के अंत में उन्होंने अस्पताल में संधारित विभिन्न मदों की पंजी, बिल पंजी, सेवा पुस्तिका आदि देखीं और बची हुई प्रक्रिया को एक सप्ताह में पूर्ण करने के निर्देश दिए।
