बहराइच, उत्तर प्रदेश। ‘धरती का भगवान’ कहे जाने वाले डॉक्टर्स पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। मामला बहराइच जिले के बिटाना एंड चंद्रावती अस्पताल से सामने आया है, जहां एक महिला ने आरोप लगाया है कि उसके पति की मौत 7 दिन पहले हो चुकी थी, लेकिन इसके बावजूद अस्पताल ने इलाज के नाम पर करीब 10 लाख रुपये वसूल लिए।
परिजनों का आरोप है कि सड़क दुर्घटना में घायल युवक को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इलाज के दौरान युवक की मौत हो गई, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने उसकी लाश को ICU में रखकर लगातार पैसे की मांग जारी रखी।
इलाज नहीं, पैसे की वसूली कर रहा था अस्पताल – परिजन
मृतक की पत्नी ने बताया कि जब तक वह अस्पताल पहुंचीं, तब तक उनके पति को ICU में भर्ती कर दिया गया था। वहां से शुरू हुई पैसों की मांग। महिला के अनुसार, “हमने 2-3 बीघा जमीन बेचकर 10 लाख रुपये से ज्यादा अस्पताल को दे दिए। हर दिन बेड चार्ज के नाम पर 1400 रुपये लिए जा रहे थे। दवाओं का कोई हिसाब नहीं था।”
महिला ने यह भी बताया कि जब उन्होंने मरीज़ को डिस्चार्ज करने की बात कही, तो डॉक्टरों ने और पैसे मांगने शुरू कर दिए। “कहा गया कि नलकी डालनी है, 1 लाख 70 हजार लाओ। फिर खून की मांग की गई, हमने 6 यूनिट खून दिया लेकिन सिर्फ एक यूनिट चढ़ाया गया, बाकी का कोई हिसाब नहीं।”
शव को ‘जीवित’ बताकर पैसे लेते रहे – ग्रामीणों का आरोप
परिजनों के आरोपों से नाराज़ होकर गांव के लोगों ने भी अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। लोगों का कहना है कि यह सीधे-सीधे धोखाधड़ी और अमानवीयता का मामला है। मृत शरीर को जीवित बताकर पैसा वसूला गया। गुस्साए लोगों ने सड़क पर प्रदर्शन किया, जिससे ट्रैफिक घंटों जाम रहा।
प्रशासन ने दिया जांच का आश्वासन
घटना की जानकारी मिलते ही SDM सदर और CO सिटी समेत कई अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात को संभाला। प्रशासन ने पीड़ित परिवार को पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।
क्या कहती है मृतक की पत्नी?
“हमें तो अब यकीन ही नहीं होता कि इंसानियत बची भी है या नहीं। 11 दिन तक हम ICU के बाहर बैठे रहे, उंगली हिलाते रहे, और ये लोग कहते रहे कि मरीज जिंदा है। आज 7 दिन हो गए हमारे पति को मरे हुए,” महिला ने आंसू भरी आंखों से कहा।
