नई दिल्ली : भारत में सोने की कीमतों में लगातार रिकॉर्ड तेजी के बावजूद मांग में जबरदस्त उछाल देखा गया है। इसी वजह से मार्च 2025 में देश का गोल्ड इम्पोर्ट 192% बढ़कर 4.47 अरब डॉलर पर पहुंच गया है। वाणिज्य मंत्रालय के ताज़ा आँकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में देश का कुल सोने का आयात 27.27% बढ़कर 58 अरब डॉलर रहा, जबकि पिछले वर्ष 2023-24 में यह 45.54 अरब डॉलर था।
रिकॉर्ड कीमतें लेकिन गिरती नहीं मांग
सोने की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में जबरदस्त तेजी के बावजूद भारतीय बाजार में इसकी मांग लगातार बनी रही है। शादी-ब्याह के सीजन, त्योहारों और निवेश के लिहाज़ से गोल्ड की खरीदारी में जोरदार इज़ाफा हुआ। विश्लेषकों का मानना है कि आर्थिक अनिश्चितता के समय में सोना निवेश के लिए सबसे सुरक्षित विकल्प बना हुआ है।
चांदी के आयात में भारी गिरावट
जहां सोने की मांग आसमान छू रही है, वहीं चांदी की चमक इस साल कुछ फीकी पड़ी है।
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मार्च 2025 में चांदी का आयात 85.4% घटकर सिर्फ 11.93 करोड़ डॉलर रहा।
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पूरे वित्त वर्ष 2024-25 में चांदी का कुल आयात 11.24% घटकर 4.82 अरब डॉलर पर आ गया, जबकि पिछले वर्ष यह आंकड़ा ज्यादा था।
विशेषज्ञों का मानना है कि चांदी का औद्योगिक उपयोग और निवेश दोनों क्षेत्रों में मांग स्थिर रही, जिसकी वजह से इसमें आयात गिरावट आई है।
क्या कहता है बाजार?
बाजार विश्लेषकों के अनुसार, सोने की कीमतों में उछाल के बावजूद भारतीय उपभोक्ताओं की मांग में कोई कमी नहीं आई है। वहीं चांदी की तुलना में सोना अभी भी ज्यादा भरोसेमंद निवेश विकल्प माना जा रहा है, खासकर अस्थिर आर्थिक परिस्थितियों में।
वित्त वर्ष 2024-25 की शुरुआत से ही भारत में सोने की खपत लगातार बढ़ती दिख रही है, जो वैश्विक बाजार की स्थितियों के बीच एक मजबूत संकेत है कि गोल्ड इन्वेस्टमेंट का क्रेज़ अब भी ज़ोरों पर है। वहीं चांदी को लेकर निवेशकों का रुझान फिलहाल कुछ ठंडा है।
