अक्षय तृतीया पर खुलेंगे चारधाम के कपाट! जानिए क्यों यमुनोत्री से होती है यात्रा की शुरुआत

नई दिल्ली । देशभर के श्रद्धालुओं का इंतजार अब खत्म होने को है! इस साल 30 अप्रैल 2025 को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर चारधाम यात्रा का शुभारंभ होने जा रहा है। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के कपाट भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिए जाएंगे। धार्मिक आस्था और भक्ति से ओतप्रोत इस यात्रा में एक विशेष परंपरा निभाई जाती है — यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से होती है। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण।

धार्मिक मान्यता से जुड़ी है गहरी आस्था

यमुनोत्री को माता यमुना का पवित्र उद्गम स्थल माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यमराज की बहन यमुना देवी अपने भक्तों को मृत्यु के भय से मुक्ति प्रदान करती हैं। कथा के अनुसार, भाई दूज पर यमराज ने वचन दिया था कि यमुना नदी में स्नान करने से सारे पाप धुल जाएंगे और मोक्ष की प्राप्ति होगी। इसी कारण, चारधाम यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री में स्नान और दर्शन से करना अत्यंत शुभ माना जाता है।

भौगोलिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है यमुनोत्री

चारधाम के चार तीर्थ — यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ — में यमुनोत्री सबसे पश्चिम दिशा में स्थित है। धर्मशास्त्रों में यात्रा की दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर मानी जाती है, जो शुभता का प्रतीक है। इसलिए पहले यमुनोत्री, फिर गंगोत्री, उसके बाद केदारनाथ और अंत में बद्रीनाथ के दर्शन कर यात्रा पूरी की जाती है।

चारधाम यात्रा 2025 से जुड़ी कुछ अहम बातें
  • शुभारंभ: 30 अप्रैल 2025, अक्षय तृतीया

  • पहला धाम: यमुनोत्री

  • विशेष महत्व: मृत्यु के भय से मुक्ति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग

चारधाम यात्रा न केवल आस्था का संगम है, बल्कि एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर जीवन यात्रा भी है। अगर आप भी इस वर्ष यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो तैयार हो जाइए — मोक्ष के मार्ग की यह यात्रा शुरू होने वाली है!

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu