कुरूद। कुरूद जनपद पंचायत की बैठक में आज कांग्रेस जनपद सदस्य लिली श्रीवास और बनिता प्रमोद सिन्हा ने विकास कार्यों में वित्तीय भेदभाव का आरोप लगाते हुए बैठक का बहिष्कार कर दिया। दोनों नेताओं का कहना है कि कांग्रेस से जुड़े जनप्रतिनिधियों को बहुत कम राशि दी जा रही है, जबकि भाजपा के सदस्यों को अनुचित रूप से अधिक फंड आवंटित हो रहे हैं।
लिली श्रीवास ने बताया कि कांग्रेस के जनपद सदस्यों को केवल ₹3.80 लाख मिले हैं, जिसमें पेयजल व स्वच्छता के लिए ₹1.14 लाख-₹1.14 लाख और अनटाइड मद में ₹1.52 लाख दिए गए हैं। जबकि भाजपा के सदस्यों को कुल ₹5.80 लाख आवंटित हुए हैं, जिसमें टाइड मद के तहत ₹1.74 लाख-₹1.74 लाख और अनटाइड मद में ₹2.32 लाख शामिल हैं।
बनिता प्रमोद सिन्हा ने कहा कि यह केवल जनप्रतिनिधियों के साथ नहीं, बल्कि पूरे क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द सुधार नहीं हुआ तो वे जन आंदोलन शुरू करेंगी।
इस मुद्दे पर लिली श्रीवास ने तीखा बयान देते हुए कहा, “यह लोकतंत्र की मूल भावना के खिलाफ है। जनप्रतिनिधियों के साथ इस तरह का भेदभाव न केवल हमारी पंचायत व्यवस्था को कमजोर करता है, बल्कि क्षेत्र की जनता के साथ अन्याय भी है। मैं इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाती रहूंगी और उच्चाधिकारियों से इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करती हूं।”
वहीं जनपद अध्यक्ष गितेश्वरी साहू ने कांग्रेस सदस्यों के आरोपों को खारिज करते हुए कहा, “इसमें हमलोग द्वारा कोई भी पक्षपात नहीं किया गया है, वे लोग नाटक कर रहे हैं। उनको उनके हक का पूरा पैसा दिया गया है। उन्होंने ₹4 लाख की मांग रखी थी, पर हमने ₹3.80 लाख दिए क्योंकि सभी क्षेत्रों को मैनेज करना पड़ता है। उनके द्वारा जो पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप है वह गलत है, इसके साक्षी सारे जनपद सदस्य हैं।”
अब यह विवाद पंचायत स्तर से निकलकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है और आने वाले दिनों में यह और तूल पकड़ सकता है।
