कुरूद। धमतरी जिले में भारतमाला सड़क परियोजना के भूमि अधिग्रहण में एक बड़ा घोटाला सामने आया है, जिसमें जिले के तत्कालीन उच्च अधिकारी, उनके रिश्तेदार, स्थानीय व्यवसायी और राजनीतिक चेहरे भी जांच के घेरे में आ गए हैं। RTI एक्टिविस्ट द्वारा की गई शिकायत के बाद ईडी, आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो और एंटी करप्शन ब्यूरो ने जांच शुरू कर दी है।
शिकायत के मुताबिक, मई 2020 से जून 2021 के बीच पदस्थ रहे जिले के एक उच्च अधिकारी ने अपने ससुर, साला, साली और साले की पत्नी के नाम पर ग्राम सिर्री की कृषि भूमि—खसरा नंबर 1545 और 1607—का नामांतरण करवाया। यह कार्य आशय पत्र जारी होने के तीन माह के भीतर कर लिया गया। फिर इन जमीनों को छोटे-छोटे टुकड़ों में बांटकर बंटवारा, बटांकन, क्रय-विक्रय जैसी प्रक्रिया करवाई गई और भारी मुआवजा हासिल किया गया।
RTI में यह भी सामने आया है कि खसरा नंबर 1545 को 24 और खसरा नंबर 1607 को 25 टुकड़ों में विभाजित किया गया। इन्हीं टुकड़ों में कुरूद के स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े कुछ व्यवसायी, और जमीन कारोबारी और उनके परिवार वालों के नाम पर भी मुआवजा स्वीकृत हुआ है। इन लोगों को कुल छह रकबों का मुआवजा प्राप्त हुआ है। इन्हीं टुकड़ों में कुरूद के राजनीतिक परिवार से जुड़े लोगों के भी नाम शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, यह सारा खेल राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 सीडी के किलोमीटर 9.38 से 62.35 के बीच की भूमि को लेकर हुआ, जिसके लिए 12 अप्रैल 2019 को आशय पत्र जारी किया गया था। इसके बाद 30 जनवरी 2020 को अधिसूचना और 16 मार्च 2021 को अवार्ड जारी कर करोड़ों की मुआवजा राशि बांटी गई।
इस घोटाले में शासन को भारी राजस्व नुकसान हुआ है। जांच एजेंसियों की नजर अब उन सभी नामों पर है जो मुआवजा लाभार्थियों की सूची में शामिल हैं। आने वाले दिनों में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना है।
सभी संबंधित नामों का खुलासा जल्द ही Arpa News 36 पर किया जाएगा। साथ ही सरगी और उमरदा क्षेत्र से जुड़े भूमि घोटाले का राज भी बहुत जल्द सामने आएगा। जुड़े रहिए Arpa News 36 के साथ।
