रायपुर | विष्णुदेव साय कैबिनेट बैठक 30 जून 2025 को रायपुर स्थित मंत्रालय में दोपहर 12 बजे से आयोजित की जाएगी। यह बैठक राज्य सरकार के लिए कई मायनों में बेहद अहम मानी जा रही है। इस दिन राज्य के मौजूदा मुख्य सचिव अमिताभ जैन को औपचारिक विदाई दी जाएगी, जो चार वर्षों से अधिक समय तक इस पद पर रहे। साथ ही नए मुख्य सचिव के नाम की घोषणा और परिचय भी इसी कैबिनेट बैठक में किया जाएगा।
नए मुख्य सचिव की घोषणा पर टिकी निगाहें
विष्णुदेव साय कैबिनेट बैठक 30 जून 2025 में सबसे बड़ा ऐलान नए मुख्य सचिव को लेकर होगा। मौजूदा मुख्य सचिव अमिताभ जैन, 1989 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी, 30 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। वे अब तक के सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले मुख्य सचिवों में से एक हैं।
अगले मुख्य सचिव के रूप में कई नाम चर्चा में हैं:
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रेणु पिल्ले (1991 बैच)
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सुब्रत साहू (1991 बैच)
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मनोज पिंगुवा (1994 बैच)
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रिचा शर्मा (1994 बैच)
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अमित अग्रवाल (1993 बैच, वर्तमान में केंद्र में सचिव)
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा अंतिम मुहर इसी बैठक में लगाई जाएगी।
मानसून और किसानों की समस्याएं रहेंगी अहम
इस विष्णुदेव साय कैबिनेट बैठक 30 जून 2025 में छत्तीसगढ़ में जारी मानसून की स्थिति पर भी विस्तृत चर्चा की जाएगी। राज्य के किसानों के लिए खाद, बीज और डीएपी (DAP) की कमी जैसे मुद्दे प्रमुख एजेंडे में शामिल होंगे।
इसके अलावा आगामी विधानसभा के मानसून सत्र को लेकर भी रणनीति और तैयारी पर चर्चा की संभावना है। इससे न केवल सरकार की जवाबदेही तय होगी, बल्कि सुशासन के दृष्टिकोण से यह महत्वपूर्ण अवसर भी होगा।
पुराने और नए नेतृत्व के बीच परिवर्तन
जहां एक ओर इस बैठक में अमिताभ जैन को उनके योगदान के लिए विदाई दी जाएगी, वहीं नए मुख्य सचिव के आगमन से एक नई प्रशासनिक दिशा की शुरुआत भी होगी। सूत्रों के अनुसार, नए सीएस का औपचारिक परिचय सुबह 11 बजे मंत्रिमंडल को दिया जाएगा।
यह बदलाव प्रशासनिक दृष्टिकोण से छत्तीसगढ़ की ब्यूरोक्रेसी में नई ऊर्जा और रणनीति लेकर आ सकता है।
भविष्य की नीतियों की रूपरेखा
यह बैठक केवल अधिकारियों की अदला-बदली तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि आगामी योजनाओं, नीति निर्माण और लोकहित से जुड़े निर्णयों पर भी चर्चा की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, कुछ योजनाओं को मंजूरी मिल सकती है जो ग्रामीण क्षेत्रों के विकास को गति देगी।
विष्णुदेव साय कैबिनेट बैठक 30 जून 2025 केवल प्रशासनिक अदला-बदली का दिन नहीं है, बल्कि छत्तीसगढ़ सरकार के लिए एक नई रणनीतिक दिशा निर्धारित करने का अवसर है। इस बैठक में लिए गए निर्णय राज्य की प्रशासनिक गति, किसान हित और सुशासन के लिए निर्णायक सिद्ध हो सकते हैं।
