कुरुद राधाकृष्ण मंदिर लोकार्पण 2025: रथयात्रा पर्व पर हुआ भव्य उद्घाटन

कुरुद | रथयात्रा पर्व के पावन अवसर पर हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ संपन्न हुआ। कुरुद नगर के वार्ड क्रमांक 6 कुर्मी पारा में स्थित इस प्राचीन मंदिर को जीर्णोद्धार के बाद एक नवीन और भव्य स्वरूप मिला है। लोकार्पण समारोह में क्षेत्रीय विधायक अजय चन्द्राकर और नगर पंचायत अध्यक्ष ज्योति भानु चन्द्राकर ने विधिवत पूजा-अर्चना कर मंदिर का उद्घाटन किया।

मंदिर को मिला नया स्वरूप

कई वर्षों से उपेक्षित स्थिति में रहे कुरुद राधाकृष्ण मंदिर का कायाकल्प स्व. बालकुराम और झाडू राम बैस की स्मृति में किया गया। इस पुनीत कार्य की घोषणा पूर्व मंत्री अजय चन्द्राकर ने की थी, जो नगर के अन्य धार्मिक स्थलों—चंडी मंदिर, हनुमान मंदिर आदि के जीर्णोद्धार में पहले भी अहम भूमिका निभा चुके हैं।

जीर्णोद्धार कार्य और निर्माण प्रक्रिया

राधाकृष्ण मंदिर के पीछे निर्माण जिम्मेदारी ग्रामीण यांत्रिक सेवा विभाग को सौंपी गई थी। इस विभाग ने मंदिर को पारंपरिक वैदिक वास्तुकला और आधुनिक सुविधा-संयोजन के साथ नया स्वरूप प्रदान किया। अब यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिए एक सुंदर, शांत और भक्ति से परिपूर्ण स्थल बन गया है।

लोकार्पण समारोह में जनसैलाब

रथयात्रा पर्व के दिन हुए राधाकृष्ण मंदिर लोकार्पण के अवसर पर मंत्रोच्चारण, आरती और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की गई। इस शुभ घड़ी में विधायक अजय चन्द्राकर ने जनता को बधाई दी और नगरवासियों की धार्मिक भावना की सराहना की।

गणमान्य नागरिकों और श्रद्धालुओं की सहभागिता

समारोह में वरिष्ठ भाजपा नेता निरंजन सिन्हा, सुरेश अग्रवाल, शेखर चन्द्राकर, कृष्णकांत साहू, भानु चन्द्राकर, भोजराज चन्द्राकर, प्रभात बैस, मिथलेश बैस, राजकुमारी ध्रुव, कविता चन्द्राकर सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि, पार्षदगण और श्रद्धालु उपस्थित रहे।

श्रद्धा, सेवा और संस्कृति का संगम

कुरुद राधाकृष्ण मंदिर लोकार्पण  केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं था, बल्कि यह समाज की आस्था, एकता और सांस्कृतिक चेतना का प्रतीक भी बना। मंदिर न केवल आस्था का केंद्र होगा, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को धर्म और परंपरा से जोड़ने का माध्यम भी बनेगा।

रथयात्रा पर्व के शुभ अवसर पर नगरवासियों के लिए सौगात की तरह रहा। यह आयोजन नगर की धार्मिक विरासत को सहेजने और संवारने का उदाहरण बन गया है। आने वाले समय में यह मंदिर धार्मिक पर्यटन और आस्था का प्रमुख केंद्र बनकर उभरेगा।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu