रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज दुर्ग जिले के जामगांव में चरण पादुका योजना का पुनः शुभारंभ कर प्रदेश के लाखों तेंदूपत्ता संग्राहकों को सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होंने महिला संग्राहकों को स्वयं चरण पादुका पहनाकर योजना की शुरुआत की। इस योजना का उद्देश्य तेंदूपत्ता संग्राहकों को न सिर्फ सुविधा देना है, बल्कि उनके कठिन परिश्रम और योगदान को समाज के सामने सम्मान के साथ प्रस्तुत करना भी है।
मुख्यमंत्री का संकल्प: वनवासियों की गरिमा और सुरक्षा सुनिश्चित करना
मुख्यमंत्री ने कहा कि चरण पादुका योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी का हिस्सा रही है, जिसे छत्तीसगढ़ सरकार ने पूरी प्रतिबद्धता के साथ लागू किया है। राज्य के 12 लाख 40 हजार से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहक इस योजना से लाभान्वित होंगे। श्री साय ने कहा कि सरकार का उद्देश्य केवल पादुका वितरण नहीं, बल्कि इन वनवासियों के जीवन को गरिमा और सुरक्षा देना है।
वन आधारित अर्थव्यवस्था में तेंदूपत्ता संग्राहकों का योगदान
छत्तीसगढ़ की ग्रामीण और वन आधारित अर्थव्यवस्था में तेंदूपत्ता संग्राहकों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। जंगलों की पगडंडियों पर चलकर, वे न केवल अपनी आजीविका अर्जित करते हैं, बल्कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को भी बल प्रदान करते हैं। चरण पादुका योजना उनके श्रम और आत्मसम्मान को सम्मान देने की दिशा में एक सकारात्मक पहल है।
‘मोदी की गारंटी’ का धरातल पर क्रियान्वयन
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह योजना “मोदी की गारंटी” के तहत किया गया एक प्रमुख वादा था। सरकार ने इस योजना को लागू कर यह साबित किया है कि हम वादों को केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रखते, बल्कि उन्हें ज़मीन पर उतारने के लिए कार्य करते हैं।
महिलाओं की विशेष भागीदारी
कार्यक्रम में विशेष रूप से महिला संग्राहकों की उपस्थिति दर्ज की गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला तेंदूपत्ता संग्राहक कठिन परिस्थितियों में भी अपने परिवार और समाज के लिए अहम योगदान देती हैं। उनके लिए चरण पादुका योजना न सिर्फ एक सुविधा है, बल्कि सशक्तिकरण का प्रतीक भी है।
सामाजिक सरोकार और भविष्य की योजनाएं
यह योजना सामाजिक समरसता और समर्पण की मिसाल है। श्री साय ने बताया कि सरकार भविष्य में संग्राहकों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा, बीमा योजना और बच्चों की शिक्षा के लिए विशेष प्रावधान लाने की दिशा में भी कार्य कर रही है।
चरण पादुका योजना राज्य सरकार की एक सराहनीय पहल है जो तेंदूपत्ता संग्राहकों के श्रम, स्वाभिमान और जीवन को नई गरिमा देती है। यह योजना न केवल उनके पैरों की सुरक्षा करती है, बल्कि उनके जीवन में आत्मसम्मान और भरोसे का संचार करती है। इस प्रकार, चरण पादुका योजना वनवासियों के सशक्तिकरण की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है।
