नई दिल्ली । भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा लगातार की गई Repo Rate Cut के फैसलों का असर अब आम लोगों की जेब पर साफ नजर आने लगा है। बैंकों ने होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन पर ब्याज दरें घटाई हैं, जिससे लाखों कर्जधारकों की EMI में राहत मिली है। यदि आप भी अधिक ब्याज दरों वाली EMI चुका रहे हैं, तो यह समय होम लोन बैलेंस ट्रांसफर करने का हो सकता है।
क्या है Repo Rate Cut का असर?
Repo Rate Cut का मतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वाणिज्यिक बैंकों को कम ब्याज दर पर लोन देना शुरू किया है। इससे बैंकों को मिलने वाले फंड की लागत घटती है और वे उपभोक्ताओं को सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराते हैं। खासतौर पर जिन लोगों ने पिछले कुछ वर्षों में ऊंची ब्याज दरों पर होम लोन लिया है, उनके लिए यह कटौती एक राहत की खबर लेकर आई है।
इन बैंकों से सस्ते होम लोन मिल रहे हैं
बाजार में कुछ प्रमुख बैंक वर्तमान में 7.35% से 7.50% की ब्याज दर पर होम लोन दे रहे हैं। यदि आपका मौजूदा लोन इससे ज्यादा ब्याज पर चल रहा है, तो होम लोन बैलेंस ट्रांसफर एक लाभदायक विकल्प है।
बैंक | ब्याज दर |
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केनरा बैंक | 7.35% |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 7.35% |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 7.50% |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 7.50% |
पंजाब नेशनल बैंक | 7.50% |
Repo Rate Cut का फायदा उठाने के लिए होम लोन ट्रांसफर करना बेहतर विकल्प हो सकता है, लेकिन इसके पहले कुछ अहम पहलुओं पर गौर करना जरूरी है:
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प्रोसेसिंग फीस और अन्य शुल्क की तुलना जरूर करें।
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नए बैंक की टर्म्स एंड कंडीशन्स को बारीकी से पढ़ें।
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केवल EMI कम होने पर ही निर्णय न लें, कुल ब्याज लागत देखें।
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अगर लोन की शेष अवधि 10 वर्ष या उससे अधिक है, तभी ट्रांसफर फायदेमंद होता है।
Repo Rate Cut के दीर्घकालिक फायदे
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EMI का बोझ कम होता है, जिससे मासिक बजट में राहत मिलती है।
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कम ब्याज दर के कारण कुल भुगतान राशि घटती है।
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लोन ट्रांसफर करने से बेहतर सेवा और डिजिटल सुविधा मिल सकती है।
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वित्तीय अनुशासन बेहतर होता है।
Repo Rate Cut से जुड़ी हालिया नीतियों ने आम उपभोक्ताओं को काफी राहत दी है। यदि आप भी ऊंची ब्याज दर पर लोन चुका रहे हैं, तो होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कर इस बदलाव का पूरा फायदा उठा सकते हैं। सटीक योजना और सही बैंक चुनकर आप अपने कर्ज को आसान बना सकते हैं। इस समय की गई समझदारी भविष्य में आर्थिक राहत बन सकती है।
