भारत स्काउट्स एवं गाइड्स वृक्षारोपण कार्यक्रम के तहत 8 जुलाई को धमतरी जिले के रुद्री नहर के पास एक व्यापक वृक्षारोपण अभियान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विद्यालयों से आए स्काउट्स-गाइड्स, रोवर-रेंजर्स और स्काउटर-गाइडर ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना और भावी पीढ़ी को हरियाली की सौगात देना था।
थीम “एक पेड़ मां के नाम”: पर्यावरण के लिए एक भावनात्मक जुड़ाव
इस अभियान का थीम “एक पेड़ मां के नाम” रखा गया, जो ना केवल वृक्षारोपण को भावनात्मक पहलू से जोड़ता है बल्कि लोगों को प्रेरित करता है कि वे अपने जीवन के खास व्यक्तियों के नाम पर पौधे लगाएं और उनका संरक्षण करें।
नेतृत्व और मार्गदर्शन: स्काउटिंग भावना का जीवंत उदाहरण
कार्यक्रम का आयोजन भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव और राज्य सचिव के निर्देशन में हुआ। जिला स्तर पर इसकी निगरानी टी.आर. जगदल्ले, चेतन हिन्दुजा और डी.के. साहू के नेतृत्व में की गई।
🎤 मुख्य वक्तव्यों के मुख्य बिंदु:
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चेतन हिन्दुजा: “एक स्काउट आजीवन स्काउट होता है। वह प्रकृति प्रेमी और समाज के लिए समर्पित होता है।”
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डोलेश्वरी साहू: “भीषण गर्मी और जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए वृक्षारोपण अनिवार्य है।”
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विनोद पांडे: “विकास की दौड़ में हम प्रकृति से विमुख हो रहे हैं, स्काउटिंग बच्चों को प्रकृति से जोड़ने का सशक्त माध्यम है।”
सक्रिय भागीदारी: समाज और विद्यार्थियों की एकजुटता
इस भारत स्काउट्स एवं गाइड्स वृक्षारोपण कार्यक्रम में समाज के विभिन्न वर्गों की भागीदारी रही। प्रमुख प्रतिभागी रहे:
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मुकेश यादव (समाजसेवी)
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नेम लाल गंगेले (जिला संगठन आयुक्त स्काउट)
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हीना भेंसले (गाइड संगठन आयुक्त)
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योगिता कंवर, ललिता साहू, दीनानाथ पांडे (रेंजर व स्काउटर)
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सर्वोदय इंग्लिश स्कूल की गाइड्स: वर्षा देवांगन, महिमा साहू, दिव्यांका सोनकर
प्रभाव और उद्देश्य: हरित भविष्य की दिशा में कदम
इस वृक्षारोपण कार्यक्रम के ज़रिए भारत स्काउट्स एवं गाइड्स ने यह संदेश दिया कि केवल औपचारिक शिक्षा नहीं, बल्कि प्रकृति संरक्षण की शिक्षा भी जीवन में जरूरी है। वृक्ष लगाना मात्र एक क्रिया नहीं, बल्कि यह भविष्य के लिए जिम्मेदारी निभाने का कार्य है।
भारत स्काउट्स एवं गाइड्स वृक्षारोपण कार्यक्रम ने यह सिद्ध किया कि जब युवा पीढ़ी और समाज साथ मिलकर कोई कदम उठाता है, तो उसका असर व्यापक और सकारात्मक होता है। “एक पेड़ मां के नाम” जैसी थीम भावनात्मक जुड़ाव के माध्यम से लोगों को हरियाली और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति संवेदनशील बनाती है।
