हिना खान ने सीता चरितम की तारीफ करते हुए इस भव्य नाट्य प्रस्तुति को माता सीता की गरिमा, बलिदान और भक्ति को दर्शाने वाला प्रभावशाली प्रयास बताया है। यह शो न सिर्फ एक सांस्कृतिक उत्सव है बल्कि बच्चों की शिक्षा के लिए चलाई जा रही फंडरेजर पहल का भी हिस्सा है। इंस्टाग्राम पर हिना खान ने शो की तस्वीरें और वीडियो साझा करते हुए इसे दिल को छू लेने वाला अनुभव बताया।
🎭 सीता चरितम – एक अनोखी नाट्य प्रस्तुति
शो की खास बातें:
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513 कलाकारों की भागीदारी
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30 से अधिक भारतीय कला रूपों का प्रदर्शन
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4डी अनुभव के साथ अत्याधुनिक मंचीय तकनीक
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माता सीता की कहानी उनके दृष्टिकोण से प्रस्तुत की गई है
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यह प्रस्तुति श्री श्री रवि शंकर की बुद्धिमत्ता से प्रेरित है
🎨 दर्शनीय कला का संगम:
इस शो में संगीत, नृत्य, नाटक और वेशभूषा का ऐसा संयोजन है जो दर्शकों को रामायण की गाथा में ले जाता है।
❤️ हिना खान का समर्थन और संदेश
हिना खान ने सीता चरितम की तारीफ करते हुए कहा,
“यह शो सैकड़ों कलाकारों की मेहनत, माता सीता के बलिदान और साहस को खूबसूरती से दर्शाता है। ऐसे आयोजन भारतीय संस्कृति की गहराई को दर्शाते हैं और दिल को छू जाते हैं।”
हिना खान ने इंस्टाग्राम पर अपनी पोस्ट में ‘Art of Living’ संस्था के “केयर फॉर चिल्ड्रेन” प्रोजेक्ट का जिक्र करते हुए फंडरेजर को सपोर्ट करने की अपील की। उनके साथ इस मौके पर रॉकी जायसवाल और विक्रांत मैसी भी मौजूद थे।
👧 फंडरेजर – बच्चों की शिक्षा के लिए नेक पहल
🌱 प्रोजेक्ट के मुख्य उद्देश्य:
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जरूरतमंद बच्चों, खासकर लड़कियों को शिक्षा उपलब्ध कराना
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मुफ्त स्कूल शिक्षा के लिए आर्थिक सहयोग जुटाना
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समाज के कमजोर वर्गों तक शिक्षा की पहुंच बढ़ाना
📈 अब तक की उपलब्धि:
‘Art of Living’ की इस पहल से हजारों बच्चों की जिंदगियां बदली हैं। संस्था न केवल शिक्षा देती है, बल्कि बच्चों में आत्मविश्वास और जिम्मेदारी की भावना भी विकसित करती है।
अधिक जानकारी के लिए Art of Living – Care for Children Project विजिट करें।
📸 सेलिब्रिटी सपोर्ट और सोशल मीडिया एक्टिविटी
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हिना खान द्वारा इंस्टाग्राम पर शेयर की गई तस्वीरों में शो की भव्यता साफ दिखाई देती है।
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रॉकी जायसवाल और विक्रांत मैसी की मौजूदगी इस शो को और खास बनाती है।
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पोस्ट को सोशल मीडिया पर अच्छा रिस्पॉन्स मिला है और लोगों ने इस पहल की सराहना की है।
हिना खान ने सीता चरितम की तारीफ करते हुए जिस तरह इस शो को माता सीता की गरिमा और त्याग का प्रतीक बताया है, वह सराहनीय है। इस तरह के सांस्कृतिक आयोजन न केवल हमारी परंपरा को संजोते हैं, बल्कि सामाजिक कल्याण के कार्यों से भी जुड़े होते हैं। बच्चों की शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण पहल में योगदान देना हम सभी की जिम्मेदारी है। यदि आप भी समाज में बदलाव लाना चाहते हैं, तो इस जैसे प्रोजेक्ट्स का हिस्सा जरूर बनें।
