Indian pharma industry पर संकट के बादल: अमेरिका में 200% टैरिफ का खतरा

Indian pharma industry एक बार फिर वैश्विक दबावों के बीच घिरती नजर आ रही है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि भारत से आयात होने वाली दवाओं और तांबे पर भारी टैरिफ लगाया जा सकता है, जो कि 200 प्रतिशत तक हो सकता है। यदि यह प्रस्ताव लागू होता है, तो भारतीय फार्मा कंपनियों को अमेरिकी बाजार में कीमतें बढ़ाने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा।

अमेरिका भारतीय फार्मा उद्योग के लिए क्यों है अहम?

Indian pharma industry का अमेरिका में बड़ा व्यापारिक हित है। अमेरिका भारतीय दवा कंपनियों के लिए सबसे बड़ा निर्यात बाजार है, जहां से उन्हें कुल राजस्व का लगभग 30–40 प्रतिशत हिस्सा प्राप्त होता है।

रेटिंग एजेंसी ICRA के वाइस प्रेसिडेंट और फार्मा सेक्टर हेड दीपक जोतवानी के अनुसार, “भारतीय कंपनियां अमेरिका को बड़े पैमाने पर जेनरिक दवाएं निर्यात करती हैं। ऐसे में टैरिफ में भारी बढ़ोतरी से उनकी कमाई और मुनाफा बुरी तरह प्रभावित होगा।”

टैरिफ बढ़ा तो क्या होगा असर?
  • उच्च लागत: 200% टैरिफ लगने की स्थिति में भारतीय कंपनियों को अमेरिकी उपभोक्ताओं तक दवाएं पहुंचाने में लागत बहुत बढ़ जाएगी।

  • कीमतों में बढ़ोतरी: कंपनियों को दवाओं के दाम बढ़ाने होंगे, जिससे वहां की स्वास्थ्य सेवाओं पर भी असर पड़ेगा।

  • छोटी कंपनियों को खतरा: सीमित वित्तीय संसाधनों वाली कंपनियों को या तो व्यवसाय समेटना पड़ेगा या किसी बड़ी कंपनी के साथ मर्ज होना पड़ेगा।

विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं?

“यह एक उभरती हुई स्थिति है। अगर टैरिफ लागू हुआ तो भारतीय फार्मा कंपनियों को दाम बढ़ाने पड़ेंगे, क्योंकि ऑपरेटिंग मार्जिन पहले से ही बहुत कम है।”
— एक वरिष्ठ उद्योग विशेषज्ञ

इसके अलावा, विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका को भी इस फैसले से नुकसान हो सकता है क्योंकि वहां दवाओं की कीमतें बढ़ेंगी और उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ेगा।

भारतीय कंपनियों की प्रतिक्रिया

कई प्रमुख दवा निर्माता कंपनियां इस स्थिति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि ट्रंप प्रशासन इतना ऊंचा टैरिफ लागू नहीं करेगा, क्योंकि इससे दोनों देशों के व्यापारिक रिश्तों पर भी असर पड़ेगा।

Indian pharma industry के लिए यह स्थिति चिंताजनक हो सकती है, खासकर जब वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा पहले से ही बढ़ी हुई है। अमेरिका में संभावित 200% आयात शुल्क न केवल कंपनियों के मुनाफे को प्रभावित करेगा, बल्कि उनके बाजार हिस्सेदारी और विश्वसनीयता पर भी असर डालेगा। यदि यह प्रस्ताव लागू हुआ, तो इसका प्रभाव Indian pharma industry की भविष्य की रणनीति, निवेश और उत्पादन चक्र पर साफ तौर पर दिखेगा।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu