मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुए निर्णय
छत्तीसगढ़ में जीएसटी संशोधन और वैट माफी को लेकर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की अहम बैठक हुई। इस बैठक में दो महत्वपूर्ण विधेयकों – छत्तीसगढ़ माल एवं सेवा कर संशोधन विधेयक और छत्तीसगढ़ बकाया कर, ब्याज एवं शास्ति के निपटान संशोधन विधेयक 2025 के प्रारूपों को मंजूरी दी गई।
संशोधित विधेयकों का प्रारूप तैयार
इन दोनों विधेयकों को आगामी विधानसभा के मानसून सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा। इससे राज्य में जीएसटी ढांचे में पारदर्शिता और सरलता आएगी।
छत्तीसगढ़ में जीएसटी संशोधन और वैट माफी का प्रमुख उद्देश्य
छोटे व्यापारियों को इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस
राज्य सरकार का उद्देश्य छोटे व्यापारियों के लिए व्यापार करना आसान बनाना है। 10 साल से अधिक पुराने वैट मामलों में राहत एक बड़ा कदम है।
लंबित मामलों का त्वरित समाधान
62 हजार से अधिक मुकदमे समाप्त होने से राज्य की न्यायिक प्रक्रिया पर बोझ कम होगा और व्यापारी अनावश्यक कानूनी उलझनों से बाहर आएंगे।
10 साल पुराने वैट मामलों में राहत का ऐलान
25 हजार तक की देनदारियों को समाप्त करने की योजना
छत्तीसगढ़ सरकार ने 10 साल से अधिक पुराने वैट मामलों में 25,000 रुपये तक की कर देनदारियों को समाप्त करने की योजना बनाई है।
40 हजार व्यापारियों को सीधा लाभ
इस योजना से राज्य के करीब 40,000 छोटे व्यापारी लाभान्वित होंगे। इससे कारोबारी माहौल में विश्वास बहाल होगा।
62 हजार मुकदमों का बोझ घटेगा
पुराने टैक्स मामलों में राहत मिलने से प्रशासनिक और न्यायिक प्रणाली दोनों पर दबाव कम होगा।
जीएसटी संशोधन विधेयक 2025 की प्रमुख बातें
RCM वितरण में इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स को राहत
इनपुट सर्विस डिस्ट्रीब्यूटर्स अब IGST के तहत प्राप्त रिवर्स चार्ज का वितरण अपने ब्रांच ऑफिस में कर पाएंगे।
अपीलीय पूर्व डिपॉजिट घटकर 10% हुआ
ऐसे मामलों में जहाँ टैक्स डिमांड नहीं है, वहां अपील करने के लिए आवश्यक डिपॉजिट को 20% से घटाकर 10% कर दिया गया है।
वाउचर टैक्स देयता से संबंधित स्पष्टता
वाउचर पर टैक्स देयता को लेकर ‘टाइम ऑफ सप्लाई’ प्रावधान को हटाया गया है, जिससे अब एकरूपता बनी रहेगी।
डिमेरिट गुड्स पर ट्रेस एंड ट्रैक मैकेनिज्म लागू
तंबाकू उत्पादों पर निगरानी की नई प्रणाली
कैपेसिटी बेस्ड टैक्सेशन समिति की अनुशंसा पर ट्रेस एंड ट्रैक प्रणाली लागू की गई है, जो निर्माण से उपभोक्ता तक निगरानी सुनिश्चित करेगी।
सप्लाई चेन की पारदर्शिता
इस प्रणाली से राजस्व रिसाव पर लगाम लगेगी और टैक्स चोरी को रोका जा सकेगा।
विशेष आर्थिक क्षेत्रों (SEZ) में जीएसटी से राहत
फिजिकल मूवमेंट के बिना व्यापार अब जीएसटी मुक्त
ऐसे लेनदेन जिनमें फिजिकल मूवमेंट नहीं होता, उन्हें जीएसटी के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान किया गया है।
SEZ को प्रतिस्पर्धात्मक बढ़ावा
इस संशोधन से SEZ में व्यापार करना और अधिक लाभदायक और सरल हो जाएगा।
छत्तीसगढ़ में जीएसटी संशोधन और वैट माफी के प्रभाव
व्यापार करने में पारदर्शिता
नए संशोधनों से राज्य में टैक्स प्रणाली पारदर्शी बनेगी और विश्वास बढ़ेगा।
कानूनी मामलों में कमी
पुराने लंबित केस खत्म होने से व्यापारियों की कानूनी जटिलताएं कम होंगी।
छत्तीसगढ़ में जीएसटी संशोधन और वैट माफी
छत्तीसगढ़ में जीएसटी संशोधन और वैट माफी न केवल व्यापारियों को राहत देने वाला कदम है, बल्कि इससे राज्य में टैक्स प्रणाली की पारदर्शिता और प्रशासनिक दक्षता में भी सुधार होगा। यह पहल इज़ ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए एक मजबूत आधारशिला साबित हो सकती है।
