विधानसभा परिसर में हुई उच्च स्तरीय बैठक
रायपुर। राज्य में भू-अभिलेख प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केंद्र सरकार के भूमि संसाधन विभाग के सचिव मनोज जोशी से भेंट कर विस्तृत चर्चा की। यह बैठक विधानसभा परिसर स्थित कार्यालय में आयोजित हुई, जिसमें भूमि सर्वेक्षण, तकनीकी नवाचार और राजस्व न्यायालयों में लंबित मामलों के शीघ्र निपटारे जैसे अहम मुद्दों पर फोकस किया गया।
राजस्व रिकॉर्ड में पारदर्शिता लाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि छत्तीसगढ़ सरकार पूरी प्रतिबद्धता से भू-अभिलेख प्रणाली को सुदृढ़ करने की दिशा में काम कर रही है। उनका मानना है कि जितने बेहतर और अद्यतन राजस्व दस्तावेज होंगे, उतना ही शीघ्र और प्रभावी रूप से न्यायिक मामलों का निपटारा हो सकेगा।
उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार की हर तकनीक आधारित नवाचारी पहल को राज्य सरकार पूरा सहयोग देगी ताकि नागरिकों को पारदर्शी और भरोसेमंद भू-राजस्व सेवाएं मिल सकें।
तकनीकी नवाचार: पारंपरिक से डिजिटल की ओर बदलाव
डिजिटल सर्वेक्षण से मिलेगी गति और सटीकता
केंद्रीय सचिव मनोज जोशी ने बताया कि छत्तीसगढ़ में भू-अभिलेख की स्थिति अन्य राज्यों की तुलना में बेहतर है, और इसे और उन्नत बनाने के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग बढ़ाया जा रहा है।
पूर्व में जहां पारंपरिक सर्वेक्षण में महीनों का समय लगता था, वहीं अब ड्रोन, जीआईएस और रिमोट सेंसिंग जैसी तकनीकों से यह कार्य कुछ ही दिनों में हो सकता है।
भू-अभिलेख प्रणाली को सुदृढ़ करने के लाभ
लाभ | विवरण |
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पारदर्शिता | भूमि विवादों में कमी |
समय की बचत | शीघ्र और सटीक सर्वेक्षण |
नक्शों का अद्यतन | रजिस्ट्री प्रक्रिया में सहूलियत |
शहरी विकास | नियोजन और भूमि उपयोग में सुधार |
किसानों को लाभ | सही भू-अधिकार और योजनाओं का लाभ |
बैठक में उपस्थित प्रमुख अधिकारी
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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
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भूमि संसाधन सचिव मनोज जोशी
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राजस्व मंत्री टंकाराम वर्मा
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मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह
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भारत सरकार के संयुक्त सचिव कुणाल सत्यार्थी
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राजस्व सचिव अविनाश चंपावत
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संचालक भू-अभिलेख विनीत नंदनवार
