छत्तीसगढ़ शिक्षक युक्तियुक्तकरण 2025: 10538 स्कूलों का समायोजन, 15165 शिक्षकों को नई तैनाती

छत्तीसगढ़ शिक्षक युक्तियुक्तकरण 2025

छत्तीसगढ़ शिक्षक युक्तियुक्तकरण 2025 के तहत राज्य सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को संगठित, प्रभावी और सुलभ बनाने के उद्देश्य से एक बड़ा प्रशासनिक कदम उठाया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जानकारी दी कि यह प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के अंतर्गत पूरी पारदर्शिता और संवेदनशीलता के साथ की गई है।

📚 शिक्षा में असंतुलन की स्थिति

राज्य में युक्तियुक्तकरण से पूर्व शिक्षा तंत्र गंभीर असंतुलन से गुजर रहा था।

  • 211 स्कूलों में दर्ज संख्या शून्य थी।

  • 453 स्कूल पूरी तरह शिक्षक विहीन थीं।

  • 5936 स्कूलें एकल शिक्षकीय थीं।

  • वहीं, कई स्कूलों में शिक्षक अत्यधिक संख्या में पदस्थ थे।

    • 8 स्कूलों में 15 से अधिक शिक्षक

    • 61 में 10-14 शिक्षक

    • 749 में 6-9 शिक्षक कार्यरत थे।

इससे शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी।

🏫 युक्तियुक्तकरण का प्रथम चरण: विद्यालयों का समायोजन

शासन ने स्कूलों के भौगोलिक और प्रशासनिक ढांचे का परीक्षण करते हुए

  • 10372 स्कूलों को एक ही परिसर में समायोजित किया।

  • 133 ग्रामीण स्कूलों को 1 किलोमीटर से कम दूरी के आधार पर समायोजित किया गया।

  • 33 शहरी स्कूलों को 500 मीटर से कम दूरी के आधार पर मिलाया गया।
    इस तरह कुल 10538 स्कूलों का युक्तियुक्तकरण किया गया।

👨‍🏫 द्वितीय चरण: शिक्षकों का समायोजन और स्थानांतरण

छत्तीसगढ़ शिक्षक युक्तियुक्तकरण 2025 के दूसरे चरण में

  • प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकेंडरी स्तर पर अतिशेष शिक्षकों की पहचान की गई।

  • फिर इन शिक्षकों को काउंसलिंग प्रक्रिया के जरिए उन स्कूलों में समायोजित किया गया जहां शिक्षक की कमी थी।

  • परिणामस्वरूप, 15165 शिक्षक एवं प्राचार्य नए स्कूलों में स्थानांतरित किए गए।

अब राज्य की

  • 453 शिक्षक विहीन स्कूलें पूरी तरह शिक्षक युक्त हो चुकी हैं।

  • 5936 एकल शिक्षकीय स्कूलों में से केवल 1207 ही बची हैं जिनमें अभी शिक्षक नहीं हैं।

⚖️ किसी भी पद को नहीं किया गया समाप्त

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस प्रक्रिया में किसी भी शिक्षक पद को समाप्त नहीं किया गया है।
शिक्षकों की संख्या का निर्धारण विद्यालय में दर्ज छात्र संख्या के आधार पर शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 के मानकों से किया गया।

🏙️ शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में असमानता पर नियंत्रण
  • ग्रामीण इलाकों में 1 किलोमीटर से भी कम दूरी पर चल रही स्कूलों को मिलाया गया।

  • शहरी क्षेत्रों में 500 मीटर के भीतर कम दर्ज संख्या वाली स्कूलों को समायोजित कर शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया।

शिक्षा व्यवस्था में नये युग की शुरुआत

छत्तीसगढ़ शिक्षक युक्तियुक्तकरण 2025 राज्य की शिक्षा व्यवस्था के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। इससे न केवल शिक्षकों की उपस्थिति में सुधार हुआ, बल्कि स्कूलों के प्रबंधन और संचालन में भी अनुशासन आया। मुख्यमंत्री की यह पहल निश्चित ही दीर्घकालिक सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu