संत गुरु घासीदास महाविद्यालय कुरूद में वृक्षारोपण: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में अनोखी पहल

🌱 संत गुरु घासीदास महाविद्यालय कुरूद में वृक्षारोपण: छात्रों में प्रकृति प्रेम जगाने की पहल

कुरूद : संत गुरु घासीदास महाविद्यालय कुरूद में वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन 18 जुलाई को जनभागीदारी समिति के तत्वावधान में किया गया। कॉलेज परिसर में आयोजित इस पर्यावरणीय कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों और समाज में प्रकृति के प्रति प्रेम, संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भाव जागृत करना था।

कार्यक्रम में कदम ताल, नीम, गुलमोहर, बादाम, टिबियारोजा, पाम समेत कुल 111 विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया। इस प्रयास ने न केवल परिसर को हरियाली से सजाया, बल्कि विद्यार्थियों और शिक्षकों को प्रकृति संरक्षण की दिशा में प्रेरित भी किया।

🌿 कार्यक्रम का आयोजन और उद्देश्य
🌱 वृक्षारोपण के पीछे की सोच

जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष टिकेश साहू ने बताया कि वृक्षारोपण एक दीर्घकालिक प्रयास है जो छात्रों में पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता विकसित करेगा।

🌱 जनभागीदारी समिति की भूमिका

समिति ने पौधों की व्यवस्था से लेकर आयोजन तक सभी पहलुओं का समन्वय किया। इससे छात्र-शिक्षक जुड़ाव और जनसमूह में पर्यावरणीय चेतना को बढ़ावा मिला।

🌳 पौधों की विविधता और संख्या
🍃 लगाए गए प्रमुख पौधों की सूची
  • नीम

  • गुलमोहर

  • बादाम

  • पाम

  • कदम ताल

  • टिबियारोजा

🔍 पौधों के चयन का वैज्ञानिक कारण

इन पौधों का चयन इस आधार पर किया गया कि ये स्थानीय जलवायु के अनुकूल हों और लंबे समय तक ऑक्सीजन एवं छाया प्रदान करें।

🧑‍🏫 अतिथियों और सहभागियों की उपस्थिति
🎤 प्रमुख अतिथि टिकेश साहू का संबोधन

उन्होंने कहा, “हमारा यह प्रयास भविष्य में छात्रों को हरियाली और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति जागरूक बनाएगा।”

🧑‍🎓 प्राचार्य डॉ. ए.के. मिश्रा का मार्गदर्शन

डॉ. मिश्रा ने वृक्षों की सामाजिक और जैविक महत्ता पर जोर देते हुए वृक्षारोपण को शिक्षा प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बताया।

🌟 अन्य विशिष्ट अतिथि

कार्यक्रम में भोजराज चंद्राकर, सूरज देवांगन, शशांक कृदत्त, अविनाश शुक्ला, ममता साहू, टीकम कटारिया जैसे गणमान्य अतिथि उपस्थित थे।

🎓 कार्यक्रम की शैक्षणिक और सामाजिक उपयोगिता
👩‍🏫 छात्रों में जागरूकता

इस आयोजन ने छात्रों को पर्यावरणीय गतिविधियों में भाग लेने और प्रकृति के महत्व को समझने का अवसर दिया।

🌎 प्रकृति से जुड़ाव की प्रेरणा

छात्रों ने खुद अपने हाथों से पौधे लगाकर प्रकृति से गहरा जुड़ाव महसूस किया।

🌍 वृक्षारोपण और पर्यावरण संतुलन

वृक्षारोपण सिर्फ हरियाली ही नहीं लाता, यह प्रदूषण नियंत्रण, जलवायु सुधार और जैव विविधता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छत्तीसगढ़ वन विभाग की वेबसाइट से और जानकारी प्राप्त करें।

📱 सामाजिक मीडिया और जनप्रतिक्रिया

कार्यक्रम की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। स्थानीय समुदाय ने भी इस पहल की सराहना की।

🔮 भविष्य की योजनाएं और देखभाल

जनभागीदारी समिति ने पौधों की सुरक्षा और नियमित देखभाल के लिए एक निगरानी समिति भी गठित की है।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu