छत्तीसगढ़ आर्थिक नाकेबंदी 22 जुलाई 2025: कांग्रेस का बड़ा विरोध प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ आर्थिक नाकेबंदी 22 जुलाई 2025: कांग्रेस का बड़ा विरोध प्रदर्शन
छत्तीसगढ़ आर्थिक नाकेबंदी 22 जुलाई 2025 को लेकर प्रदेश में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए दोपहर 12 से 2 बजे तक प्रदेशव्यापी चक्काजाम का ऐलान किया है। यह आंदोलन चैतन्य बघेल की ईडी द्वारा गिरफ्तारी के विरोध में और भाजपा पर छत्तीसगढ़ को “अडानी प्रदेश” बनाने के आरोपों के तहत किया जा रहा है।

क्यों हो रही है छत्तीसगढ़ आर्थिक नाकेबंदी 22 जुलाई 2025 को?
चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी: विरोध की प्रमुख वजह
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद कांग्रेस ने इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बताया है। पार्टी का कहना है कि यह गिरफ्तारी विपक्ष को डराने की साजिश का हिस्सा है।

ईडी की कार्रवाई पर कांग्रेस का आरोप
कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह केंद्रीय एजेंसियों का इस्तेमाल करके लोकतांत्रिक विरोध को कुचलने की कोशिश कर रही है। यह आरोप भारत सरकार की प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसियों की कार्यशैली पर प्रश्न उठाते हैं।

प्रदर्शन का समय और स्थान: क्या रहेगा आंदोलन का स्वरूप?
समय निर्धारण: दो घंटे की नाकेबंदी
22 जुलाई को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक पूरे प्रदेश में आर्थिक नाकेबंदी होगी।

मुख्य स्थान जहां जाम लगेगा
स्थान नेतृत्व
मैग्नेटो मॉल, रायपुर गिरीश दुबे
विधानसभा रोड, सकरी नारायण कुर्रे, पप्पू बंजारे
साकरा (दिलबाग ढाबा) सांसद छाया वर्मा, अनीता शर्मा
अभनपुर (मोहन ढाबा) यशवंत साहू
आरंग (रसनी) शिवकुमार डहरिया
तिल्दा (दीनदयाल चौक) शैलेश नितिन त्रिवेदी
खरोरा (बुडेरा चौक) सौरभ मिश्रा

आंदोलन के नियम: किसे मिलेगी छूट?
एम्बुलेंस और स्कूल बसों को नहीं रोका जाएगा
जनता की सहूलियत के लिए कांग्रेस ने कहा है कि इस दौरान आपातकालीन सेवाएं जैसे एम्बुलेंस और स्कूल बसों को बाधित नहीं किया जाएगा।

साधारण नागरिकों को असुविधा से बचाने की कोशिश
कार, बस और निजी वाहन जो रोजमर्रा की आवाजाही के लिए चलते हैं, उन्हें रोकने की योजना नहीं है। यह जन-समर्थन प्राप्त करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।

राजनीतिक प्रतिक्रिया: कांग्रेस बनाम भाजपा
कांग्रेस के आरोप: अडानी प्रदेश बनाने की साजिश
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ की ज़मीन, जंगल और जल को अडानी समूह को सौंप रही है। आंदोलन इसी कथित सौदेबाजी के खिलाफ है।

भाजपा की संभावित प्रतिक्रिया
भाजपा ने अभी तक कोई औपचारिक जवाब नहीं दिया है, लेकिन इसके प्रवक्ताओं ने पहले कांग्रेस के आंदोलनों को “राजनीतिक स्टंट” बताया है।

जनता की भूमिका और प्रतिक्रिया
जनता की राय इस मुद्दे पर बंटी हुई है। कुछ लोग कांग्रेस के साथ हैं, वहीं कई लोगों को नाकेबंदी से असुविधा की चिंता है।

छत्तीसगढ़ आर्थिक नाकेबंदी 22 जुलाई 2025 का संदेश

छत्तीसगढ़ आर्थिक नाकेबंदी 22 जुलाई 2025 सिर्फ एक विरोध प्रदर्शन नहीं, बल्कि कांग्रेस की तरफ से केंद्र सरकार को एक मजबूत राजनीतिक संदेश है। इस आंदोलन से आने वाले चुनावों में भी असर पड़ सकता है। यह देखना दिलचस्प होगा कि जनता किस पक्ष के साथ खड़ी होती है।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu