छत्तीसगढ़ में निराश्रित पशुओं की समस्या पर सख्त रुख
छत्तीसगढ़ में निराश्रित पशुओं की समस्या पर राज्य सरकार ने अब गंभीर रुख अपना लिया है। 22 जुलाई 2025 को मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों को इस समस्या के समाधान के लिए त्वरित और ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक
सड़क हादसों और पशुओं की भूमिका पर चर्चा
बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि राज्य में सड़कों पर घूमने वाले निराश्रित मवेशी कई बार सड़क दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं, जिससे जनहानि होती है। उन्होंने कहा कि अब इस मुद्दे को प्राथमिकता देते हुए स्थायी समाधान तैयार करना जरूरी है।
सभी विभागों को समन्वित प्रयास के निर्देश
मुख्यमंत्री ने पशुधन विकास, नगरीय प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास और लोक निर्माण विभाग को मिलकर कार्य करने के निर्देश दिए। उनका कहना था कि यह समस्या शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों की है, और इसमें किसी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
राज्य की मौजूदा व्यवस्थाओं की समीक्षा
गौशालाएं, गौठान और काउ-कैचर की स्थिति
बैठक में मुख्यमंत्री ने राज्यभर में संचालित गौशालाओं, गौठानों, कांजी हाउस और काउ-कैचर की स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने पूछा कि वर्तमान में इन संस्थाओं की कितनी उपयोगिता है और क्या सुधार संभव हैं।
राष्ट्रीय राजमार्गों पर पशु प्रबंधन की योजना
प्रभावी मॉडल बनाने पर जोर
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे स्थित गांवों में पशु प्रबंधन हेतु व्यावहारिक और प्रभावी मॉडल तैयार किए जाएं। इसके लिए विशेष रणनीति की आवश्यकता होगी।
हाईवे पर पशु उपस्थिति के खतरनाक परिणाम
हाईवे पर निराश्रित मवेशियों की उपस्थिति केवल ट्रैफिक जाम का कारण नहीं बनती, बल्कि यह दुर्घटनाओं की बड़ी वजह है, जिसे किसी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
नगरीय क्षेत्रों में काउ-कैचर व्यवस्था
वर्तमान कार्यप्रणाली और उसका विस्तार
नगरीय क्षेत्रों में काउ-कैचर की मौजूदा व्यवस्था पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने इसके विस्तार की आवश्यकता पर जोर दिया ताकि शहरों की सड़कों से पशुओं को हटाकर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
गोधन विकास से जुड़ी योजनाएं और प्रस्ताव
चारे की उपलब्धता और पुनर्वास की रणनीति
बैठक में गोधन विकास योजना से जुड़े प्रस्तावों पर भी विचार हुआ। मुख्यमंत्री ने निराश्रित पशुओं के पुनर्वास, उनके भोजन और देखभाल हेतु संसाधनों की योजना बनाने को कहा।
विभागीय तालमेल और जिम्मेदारी की स्पष्टता
मुख्यमंत्री साय ने सभी संबंधित विभागों को उनकी भूमिका स्पष्ट की और आपसी तालमेल के साथ काम करने का आदेश दिया। इससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि छत्तीसगढ़ में निराश्रित पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान संभव हो।
भविष्य की कार्ययोजना के संकेत
बैठक में प्रमुख सचिवों और वरिष्ठ अधिकारियों की भागीदारी रही। पशुधन विभाग की सचिव शहला निगार द्वारा प्रस्तुतिकरण में प्रदेश की योजनाओं और आवश्यकताओं को विस्तार से रखा गया।
छत्तीसगढ़ में निराश्रित पशुओं की समस्या का समाधान अब प्राथमिकता
छत्तीसगढ़ में निराश्रित पशुओं की समस्या अब केवल प्रशासनिक मुद्दा नहीं, बल्कि जनजीवन और सड़क सुरक्षा से जुड़ा अहम विषय बन चुका है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल से यह स्पष्ट हो गया है कि राज्य सरकार अब इस दिशा में गंभीर और परिणामोन्मुखी कदम उठाने को तैयार है।
