नई दिल्ली । चिरचिटा औषधीय पौधा भारत में बंजर भूमि और खेतों में आसानी से उगने वाला एक बेहद महत्वपूर्ण पौधा है। जानकारी के अभाव में लोग इसे घास समझकर उखाड़कर फेंक देते हैं, लेकिन यह औषधीय गुणों से भरपूर माना जाता है। इसके पत्ते और बीज कई रोगों के उपचार में उपयोग किए जाते हैं। चिरचिटा को ‘अपामार्ग’ या ‘लटजीरा’ भी कहा जाता है और यह आमतौर पर सड़क किनारे, खाली जमीन और खेतों में खरपतवार के रूप में देखा जाता है।
चिरचिटा औषधीय पौधे की पहचान और स्वरूप
चिरचिटा औषधीय पौधा लगभग 1-3 फीट ऊंचा होता है। इसकी पत्तियां अंडाकार या गोल होती हैं। इस पौधे की सबसे बड़ी पहचान इसके फूल और बीज हैं, जो लंबी पतली डंडी पर ऊपर की ओर लगे होते हैं। बीज कांटेदार होते हैं और कपड़ों या जानवरों के बालों से चिपक जाते हैं, इसलिए इसे ‘चिटचिटा’ भी कहा जाता है।
आयुर्वेदिक पौधों के बारे में जानें (External Link)
चिरचिटा औषधीय पौधे के आयुर्वेदिक गुण
सुश्रुत संहिता में चिरचिटा औषधीय पौधा घावों, सूजन और रक्तस्राव को ठीक करने के लिए विशेष रूप से उपयोगी बताया गया है। चरक संहिता में भी इसका उल्लेख फोड़े, चोट और घावों के उपचार में किया गया है। इसकी पत्तियों का रस किसी भी घाव पर लगाने से लाभ मिलता है।
चिरचिटा औषधीय पौधे का औषधीय उपयोग
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त्वचा रोगों में लाभकारी – चिरचिटा की जड़ और पत्तियों का लेप त्वचा की समस्याओं को दूर करता है।
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पाचन सुधारक – इसका सेवन पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है।
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मूत्र संबंधी समस्याओं में लाभ – यह मूत्र विकारों में उपयोगी है।
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जोड़ों के दर्द में राहत – पत्तियों का लेप गठिया और सूजन कम करता है।
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दांतों और मसूड़ों के लिए फायदेमंद – चिरचिटा की दातून दांतों का दर्द, मसूड़ों की कमजोरी और मुंह की दुर्गंध को दूर करती है।
चिरचिटा औषधीय पौधा और घरेलू नुस्खे
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घाव पर चिरचिटा की पत्तियों का रस लगाएं।
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जोड़ों के दर्द में जड़ को पीसकर लेप करें।
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दातून के रूप में रोजाना उपयोग से दांत मजबूत होते हैं।
सावधानियां
चिरचिटा औषधीय पौधा शक्तिशाली औषधीय गुणों से भरपूर है, लेकिन इसका सेवन डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। इसकी मात्रा और उपयोग विधि जानना जरूरी है, क्योंकि अधिक मात्रा में यह हानिकारक भी हो सकता है।
चिरचिटा औषधीय पौधा भारतीय आयुर्वेद में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह घाव, त्वचा रोग, पाचन समस्याओं और दांतों की देखभाल के लिए बेहद उपयोगी है। हालांकि, इसके सेवन या किसी उपचार में प्रयोग से पहले विशेषज्ञ आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह लेना आवश्यक है। यह साधारण दिखने वाला पौधा वास्तव में कई बीमारियों के उपचार में सहायक हो सकता है।
