कुरूद । इस वर्ष कुरुद में गणेश विसर्जन झांकी का आयोजन पहले की तरह धूमधाम से हुआ, लेकिन दर्शकों ने पाया कि पहले जैसी संदेश परक झांकियों की प्रतिस्पर्धा इस बार नज़र नहीं आई। शनिवार की मध्यरात्रि से निकलने वाली झांकियों में ज्यादातर समितियों ने डीजे और नृत्य-गान पर ज्यादा ध्यान दिया।
डीपो रोड और संजय नगर की झांकियों ने खींचा ध्यान
डीपो रोड समिति ने “नंदा जाही” शीर्षक पर आधारित झांकी प्रस्तुत की, जिसने दर्शकों को आकर्षित किया। इस झांकी ने तेजी से खत्म होती सामाजिक परंपराओं और रीति-रिवाजों का चित्रण किया। वहीं संजय नगर समिति की भव्य झांकी ने भी सभी का ध्यान खींचा।
हालांकि, इस बार झांकियों में पर्यावरण, नशा उन्मूलन, शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कुरीतियों जैसे विषयों पर ज्यादा फोकस नहीं किया गया, जो कि पहले की झांकियों की खासियत हुआ करती थी।
डीजे पर भारी खर्च और भीड़ का उत्साह
कई समितियों ने बड़े शहरों से कानफोड़ू डीजे मंगवाकर जमकर खर्च किया। झांकियों के मुकाबले डीजे और डांस का शोर ज्यादा प्रमुख रहा। इसके बावजूद कुरुद में गणेश विसर्जन झांकी देखने के लिए हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी।
फूल बरसाकर स्वागत और सम्मान
पुराना बांजार चौक पर बोल बम सेवा समिति द्वारा स्वागत मंच सजाया गया। यहाँ नगरपालिका अध्यक्ष ज्योति चन्द्राकर, विधायक प्रतिनिधि भानु चन्द्राकर, पार्षद मिथिलेश बैस, रवि मानिकपुरी, सितेश सिन्हा, कविता चन्द्राकर सहित कई गणमान्य नागरिक मौजूद रहे। उन्होंने फूल बरसाकर झांकियों का स्वागत किया और समिति पदाधिकारियों को शिल्ड देकर सम्मानित किया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
झांकियों के दौरान किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए पुलिस बल जगह-जगह तैनात रहा। रविवार को विभिन्न तालाबों में श्रद्धा और आस्था के बीच विघ्नहर्ता गणपति बप्पा का विधिवत विसर्जन किया गया।
गणेश विसर्जन का महत्व
भारत में गणेश विसर्जन भगवान गणेश की मूर्तियों को जल में विसर्जित करने की परंपरा है, जो गणेश चतुर्थी के समापन पर मनाया जाता है।
