छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती पर मगरलोड महाविद्यालय में सेमिनार का आयोजन

सेमिनार का आयोजन और मुख्य अतिथि

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती अवसर पर मगरलोड के यशवंत राव मेघावाले शासकीय महाविद्यालय में एक गरिमामय सेमिनार आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में जनपद अध्यक्ष वीरेंद्र साहू ने राज्य निर्माता एवं पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों की उपलब्धियों का उल्लेख किया।

उन्होंने कहा कि 1 नवंबर 2000 को छत्तीसगढ़ राज्य अस्तित्व में आया और तब से यह विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर प्रगति करता आ रहा है।

छत्तीसगढ़ की उपलब्धियां और विशेष पहचान

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनपद अध्यक्ष वीरेंद्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ की अपनी खास कला, संस्कृति और जनजातीय सभ्यता है, जिसने इसे राष्ट्रीय स्तर पर अलग पहचान दिलाई है।

  • 15 वर्षों तक रमन सरकार ने विकास की मजबूत नींव रखी।

  • वर्तमान में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व और क्षेत्रीय विधायक अजय चंद्राकर के प्रयासों से शिक्षा, विशेषकर उच्च शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल हुई हैं।

कला, संस्कृति और युवाओं की भूमिका

जनपद सभापति राजेश साहू ने छत्तीसगढ़ की कला और संस्कृति के महत्व पर प्रकाश डालते हुए युवाओं से आह्वान किया कि वे राज्य के विकास में सक्रिय भूमिका निभाएं।

कार्यक्रम में जन भागीदारी समिति की सरिता कश्यप, खूबचंद साहू और रंजीत कश्यप ने भी विचार व्यक्त किए। उन्होंने युवाओं को नशा-मुक्त रहकर पढ़ाई और समाज सेवा में योगदान देने की प्रेरणा दी।

कविता और सांस्कृतिक संदेश

कवि वीरेंद्र सरल ने अपनी कविता के माध्यम से वसुधैव कुटुंबकम का संदेश दिया और छात्रों को अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहने की सीख दी। उन्होंने यह भी कहा कि कला और संस्कृति का संरक्षण हर छात्र का दायित्व है।

प्राचार्य और आयोजकों का योगदान

कार्यक्रम का संचालन प्रभारी प्राचार्य डॉ. यशोदा साहू ने किया। उन्होंने स्वागत उद्बोधन में छत्तीसगढ़ के 25 वर्षों की उपलब्धियों को संक्षेप में प्रस्तुत किया।

आभार प्रदर्शन डॉ. रामा चंद्राकार और सुशीला साहू ने किया।

इस अवसर पर कौशलेश ध्रुव, निरूपा साहू, दिव्या देवांगन, दीपक कश्यप, सुषमा, विनोद साहू, नीरज साहू, टामन साहू सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद थे।

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती का महत्व

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती सिर्फ 25 साल का जश्न नहीं है, बल्कि यह उस यात्रा की कहानी है जिसमें राज्य ने शिक्षा, कृषि, कला, संस्कृति और उद्योग के क्षेत्र में अपनी मजबूत पहचान बनाई है।

  • शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार

  • आदिवासी संस्कृति का संरक्षण

  • स्थानीय युवाओं का विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर मगरलोड महाविद्यालय में आयोजित यह सेमिनार राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और विकास यात्रा का प्रतीक बना। वक्ताओं ने जहां राज्य के अतीत और वर्तमान पर प्रकाश डाला, वहीं भविष्य की राह भी दिखलाई।

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती ने यह साबित कर दिया कि राज्य न केवल अपनी विशिष्ट पहचान बनाए हुए है, बल्कि आने वाले समय में यह शिक्षा, संस्कृति और विकास के नए आयाम भी तय करेगा।

 

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu