चर्रा हादसा : एक लापरवाही और छिन गई ज़िंदगी
चर्रा हादसा ने पूरे गांव को गहरे सदमे में डाल दिया। शनिवार दोपहर 1:30 बजे ग्राम चर्रा बस्ती में हुआ यह सड़क हादसा इस बात का उदाहरण है कि लापरवाह ड्राइविंग कैसे एक पल में ज़िंदगी छीन सकती है। धान से भरी पिकअप (CG 0 UA 3221) के चालक ने बिना पीछे देखे गाड़ी रिवर्स की और पैदल जा रहे 82 वर्षीय लेड़गू राम ध्रुव को बेरहमी से कुचल दिया।
हादसे का चश्मदीदों का बयान
गणेश चौक, आकाश ऑटो सेंटर के पास खड़े लोग अचानक चीख–पुकार करने लगे। किसी ने मदद के लिए दौड़ लगाई तो कोई स्तब्ध रह गया। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। चर्रा हादसा स्थल पर मौजूद ग्रामीणों का कहना है कि चालक ने न तो आवाज़ सुनी और न ही पीछे झाँक कर देखा।
मौके पर मची अफरातफरी
लेड़गू राम की मौके पर ही मौत हो गई। गुस्साए ग्रामीणों ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए कुरूद चीरघर भेजा। वहीं पिकअप और उसके चालक को हिरासत में ले लिया गया।
पीछे छूटे परिवार के दर्दभरे किस्से
मृतक लेड़गू राम अपनी पत्नी के साथ गांव में रहते थे। हादसे के समय उनकी पत्नी खेत में काम कर रही थीं। दोनों बेटे बाहर रहते हैं और उन्हें खबर भेज दी गई है। चर्रा हादसा ने इस छोटे से परिवार की खुशियों को गहरा दुख और तन्हाई में बदल दिया।
गांव में ग़म और गुस्से का माहौल
हादसे के बाद पूरे गांव में गुस्सा और शोक का माहौल है। लोग लापरवाह ड्राइविंग के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर चालक सावधानी बरतता तो यह दुखद हादसा टल सकता था।
सड़क हादसे क्यों होते हैं?
भारत में हर साल हजारों लोग सड़क हादसों में अपनी जान गंवाते हैं। तेज़ रफ्तार, नशे की हालत में गाड़ी चलाना और बिना सावधानी लिए वाहन रिवर्स करना इन हादसों के प्रमुख कारण हैं। इसीलिए यातायात नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है।
क्या कहती है पुलिस?
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि चर्रा हादसा मामले में जांच शुरू कर दी गई है। चालक से पूछताछ की जा रही है और दोषी पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
चर्रा हादसा सिर्फ एक गांव की नहीं बल्कि पूरे समाज की चेतावनी है। लापरवाह ड्राइविंग ने 82 वर्षीय वृद्ध की जान ले ली और एक परिवार को तन्हाई में छोड़ दिया। ऐसे हादसे हमें यह सिखाते हैं कि सावधानी और यातायात नियमों का पालन करना सिर्फ हमारी ही नहीं बल्कि दूसरों की ज़िंदगी की भी सुरक्षा है। चर्रा हादसा यह संदेश देता है कि एक पल की लापरवाही ज़िंदगी भर का पछतावा बन सकती है।







