मगरलोड पुलिस ने बिना नंबर पिकअप से 5 गायों को किया बरामद, चार आरोपी गिरफ्तार

मगरलोड पुलिस की बड़ी कार्रवाई

धमतरी जिले में मगरलोड पुलिस ने बिना नंबर पिकअप से 5 गायों को बरामद कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि ग्राम अमलीडीह में कुछ लोग सफेद रंग की पिकअप बुलेरो में गायों को क्रूरता पूर्वक भरकर बिना चारा-पानी के कत्ल करने की नीयत से परिवहन कर रहे हैं। सूचना मिलते ही पुलिस तत्काल मौके पर पहुँची और घेराबंदी कर आरोपियों को पकड़ लिया।

कैसे हुआ खुलासा?

सूत्रों के अनुसार, पुलिस ने जब सफेद रंग की बिना नंबर पिकअप को रोका, तो वाहन में 5 नग गायें ठूंस-ठूंस कर भरी हुई पाई गईं। मौके पर मौजूद चारों आरोपी पुलिस को देखकर भागने लगे लेकिन मगरलोड पुलिस की तत्परता से वे वाहन समेत पकड़ लिए गए। बरामद की गई गायों की अनुमानित कीमत करीब ₹25,000 आँकी गई है।

आरोपियों के बयान और पूछताछ

गवाहों की मौजूदगी में पूछताछ करने पर आरोपी चांद कुर्रे ने बताया कि वह अपने साथियों विकास आडिल, दुर्गेश ध्रुव और लीलाराम के कहने पर यह काम कर रहा था। आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे अमलीडीह से जानवरों को ढूंढकर पिकअप गाड़ी में भर रहे थे।

पुलिस ने जब वाहन और मवेशियों से संबंधित दस्तावेज माँगे तो कोई भी आरोपी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। इसके बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया।

कानूनी कार्रवाई

मगरलोड पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ निम्न धाराओं के तहत अपराध दर्ज किया है:

  • धारा 4, 6, 10 – छत्तीसगढ़ कृषक पशु परिरक्षण अधिनियम 2004

  • धारा 11 – पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960

गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम इस प्रकार हैं:

  • चांद कुर्रे पिता चैनसिंह कुर्रे (19 वर्ष)

  • राहुल कुर्रे पिता स्व. प्रहलाद कुर्रे (23 वर्ष)

  • दुर्गेश कुमार ध्रुव पिता सुंदर लाल ध्रुव (31 वर्ष)

  • लीलाधर जोगी पिता शिवकुमार जोगी (23 वर्ष)

समाज में संदेश और प्रभाव

पुलिस की इस कार्रवाई से स्पष्ट संदेश गया है कि मगरलोड पुलिस ने बिना नंबर पिकअप से 5 गायों को बरामद कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिससे भविष्य में इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाया जा सकेगा।

धमतरी जिले में हुई यह कार्रवाई पुलिस की सतर्कता और तत्परता का उदाहरण है। मगरलोड पुलिस ने बिना नंबर पिकअप से 5 गायों को बरामद कर चार आरोपियों को गिरफ्तार किया, जिससे यह साबित होता है कि कानून के दायरे से बाहर जाकर कोई भी कार्य करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। यह घटना समाज को जागरूक करने और पशु संरक्षण के महत्व को रेखांकित करती है।

 

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu