दिल्ली पब्लिक स्कूल धमतरी में विश्वकर्मा पूजा श्रद्धा और उत्साह के साथ संपन्न

धमतरी | दिल्ली पब्लिक स्कूल धमतरी में विश्वकर्मा पूजा बुधवार को बड़े श्रद्धा और उत्साह के साथ आयोजित की गई। इस अवसर पर स्कूल के परिवहन और सेवाओं में प्रयुक्त वाहनों की परंपरानुसार पूजा की गई और सुरक्षा एवं सुचारू संचालन के लिए आशीर्वाद मांगा गया। इस कार्यक्रम में निदेशक धीरज अग्रवाल, श्रीमती निधि अग्रवाल और प्राचार्य डॉ. नितिन कुमार शर्मा की उपस्थिति ने समारोह को और भी विशेष बना दिया।

विश्वकर्मा पूजा का महत्व

विश्वकर्मा पूजा भारतभर में भगवान विश्वकर्मा को समर्पित एक प्रमुख त्योहार है। यह दिन औजारों, मशीनों और कार्य उपकरणों के सम्मान के रूप में मनाया जाता है। दिल्ली पब्लिक स्कूल धमतरी में विश्वकर्मा पूजा का आयोजन इस परंपरा को जीवंत बनाए रखने का प्रयास है।

स्कूल में भक्ति और उत्साह का माहौल

पूरे स्कूल परिसर को खूबसूरती से सजाया गया था। कर्मचारियों और ड्राइवरों ने पूजा-अनुष्ठानों में भाग लेकर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। इस दौरान वाहनों की परंपरागत पूजा की गई और बच्चों को उपकरणों के महत्व और सम्मान की शिक्षा दी गई।

नेतृत्व और विचार

निदेशक धीरज अग्रवाल ने कहा कि दैनिक जीवन और कार्य में सहायक उपकरणों का सम्मान करना हम सभी की जिम्मेदारी है। श्रीमती निधि अग्रवाल ने इस अवसर पर छात्रों के मूल्यों को आकार देने में ऐसे सांस्कृतिक आयोजनों की अहम भूमिका पर प्रकाश डाला।

प्राचार्य डॉ. नितिन कुमार शर्मा ने विद्यार्थियों को परंपरा और आधुनिक शिक्षा के बीच संतुलन बनाए रखने की प्रेरणा दी।

सांस्कृतिक मूल्यों पर जोर

ऐसे आयोजन न केवल छात्रों को भारतीय संस्कृति से जोड़ते हैं, बल्कि उन्हें अनुशासन और जिम्मेदारी का भी पाठ पढ़ाते हैं। स्कूल प्रशासन का मानना है कि परंपरा और शिक्षा का यह संगम बच्चों को सर्वांगीण विकास की दिशा में आगे बढ़ाता है।

आयोजन में प्रमुख लोग

इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारी शैलेष बाजपेयी, समन्वयक सतप्रीत सिंह धंजल और रोहित कुमार सहित कई अन्य कर्मचारी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दिया।

दिल्ली पब्लिक स्कूल धमतरी में विश्वकर्मा पूजा का आयोजन केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि सांस्कृतिक मूल्यों और शिक्षा के संगम का प्रतीक है। ऐसे कार्यक्रम बच्चों को न केवल परंपराओं से जोड़ते हैं बल्कि जिम्मेदारी और अनुशासन का महत्व भी सिखाते हैं

 

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu