नगरी/दुगली वन परिक्षेत्र दिनकरपुर अतिक्रमण हटाने की बड़ी कार्रवाई

वन विभाग की सख्त कार्रवाई

नगरी/दुगली वन परिक्षेत्र दिनकरपुर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई आज सुबह उस समय चर्चा का विषय बन गई, जब वन विभाग की टीम सैकड़ों कर्मचारियों, पुलिस बल और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ मौके पर पहुँची। कक्ष क्रमांक 259 के आरक्षित जंगल क्षेत्र में ग्रामीणों द्वारा किए गए अवैध कब्जे को हटाने के लिए यह अभियान शुरू किया गया।

ग्रामीणों ने पिछले कुछ समय से इस भूमि पर खेती एवं अन्य निर्माण कार्यों की शुरुआत की थी, जिसके बाद विभाग को लगातार शिकायतें मिल रही थीं। इसी वजह से वन विभाग ने सुरक्षा प्रबंधों के साथ यह बड़ा कदम उठाया।

ग्रामीणों का पक्ष और विरोध

ग्रामीणों का कहना है कि यह भूमि उन्हें शासन द्वारा कई साल पहले दी गई थी और वे इसे अपनी जीविका के लिए उपयोग कर रहे हैं। उनका मानना है कि खेती और घर बनाने का अधिकार उनका पारंपरिक हक है।

कार्रवाई के दौरान ग्रामीणों और अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक हुई। कई ग्रामीणों ने अतिक्रमण हटाने का कड़ा विरोध किया और वन भूमि को अपना अधिकार बताते हुए आपत्ति जताई।

अधिकारियों का तर्क

अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि यह भूमि राजस्व एवं वन विभाग की अधिसूचित संपत्ति है। इस पर किसी भी तरह का कब्जा गैरकानूनी है और इसे किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जा सकता। वन विभाग ने दोहराया कि नगरी/दुगली वन परिक्षेत्र दिनकरपुर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नियमों के अनुसार की जा रही है और इसमें किसी भी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी।

भारतीय वन कानून के अनुसार, आरक्षित वन क्षेत्र में अवैध निर्माण और खेती करना प्रतिबंधित है।

क्षेत्र में हलचल और तनावपूर्ण स्थिति

इस कार्रवाई से पूरे इलाके में हलचल मच गई है। ग्रामीणों की मांग है कि यदि वन विभाग जमीन खाली कराता है, तो सरकार को उनके पुनर्वास और जीविकोपार्जन की वैकल्पिक व्यवस्था करनी चाहिए।

दूसरी ओर, प्रशासन का कहना है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। मौके पर तैनात अमला लगातार स्थिति पर नज़र रखे हुए है।

नगरी/दुगली वन परिक्षेत्र दिनकरपुर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि वन विभाग अवैध कब्जों को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा। ग्रामीणों की मांग और प्रशासन की सख्ती के बीच यह मामला अभी और चर्चाओं का विषय बनेगा। लेकिन एक बात तय है कि संरक्षित वन क्षेत्र को बचाना जरूरी है और इसके लिए सख्त कदम उठाने ही होंगे।

Bharti Sahu
Author: Bharti Sahu