कुरूद । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर युवाओं ने इसे राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाया। इस अवसर पर कांग्रेस से जुड़े युवाओं ने बीच बाजार में पकौड़े तलकर लोगों को खिलाया और सरकार से सवाल किया कि रोजगार देने के वादों का क्या हुआ। उनका कहना था कि भाजपा नेताओं की जुमलेबाजी से जनता अब ऊब चुकी है और देश के करोड़ों बेरोजगारों को राहत देने के लिए ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
पूर्व यूंका प्रदेशाध्यक्ष राजकुमारी दीवान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालते समय हर साल दो करोड़ युवाओं को रोजगार देने का वादा किया था, लेकिन यह वादा अब तक पूरा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि रोजगार की कमी के कारण युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो रहा है, इसलिए आज पूरे देश में उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।
भाजपा की नीतियों पर उठे सवाल
जिलाध्यक्ष नरेंद्र सोनवानी ने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं को “स्किल इंडिया”, “स्टार्टअप इंडिया” और “मेक इन इंडिया” जैसे नारे देकर पिछले 11 सालों से गुमराह कर रही है। उनका आरोप था कि सरकारी और निजी क्षेत्र दोनों में नौकरियां नहीं मिल रही हैं। इससे न केवल ग्रामीण बल्कि शहरी क्षेत्र के शिक्षित युवा भी प्रभावित हो रहे हैं।
सरकारी संपत्ति बेचने का आरोप
कुरुद विधानसभा यूंका अध्यक्ष एवं नगर पालिका उपाध्यक्ष देवव्रत साहू ने कहा कि भाजपा सरकार जनता का भला करने की बजाय चंद कॉरपोरेट घरानों को फायदा पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल, अस्पताल और कारखाने बंद किए जा रहे हैं, जिससे नौकरियों के अवसर लगातार घट रहे हैं। यही वजह है कि आज युवाओं को मजबूर होकर राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस जैसे आंदोलन करने पड़ रहे हैं।
कांग्रेस नेताओं की सख्त टिप्पणी
ब्लॉक यूकाध्यक्ष डुमेश साहू ने कहा कि जब देश के करोड़ों युवा बेरोजगार हैं, तो मोदी जी को गद्दी पर बने रहने का अधिकार नहीं है। उन्होंने राहुल गांधी के नारे “वोट चोर गद्दी छोड़ो” का जिक्र करते हुए कहा कि यह अब पूरे देश में गूंज रहा है।
इस कार्यक्रम में कांग्रेस नेता गिरीश साहू, पार्षद मनीष साहू, हेमंत नवरंगे, रवीन्द्र साहू, मिलन साहू, कुलेश्वर देवांगन, तुकेश साहू ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
युवाओं की बढ़ती नाराज़गी
इस आयोजन में बड़ी संख्या में युवाओं की उपस्थिति देखी गई। तोमेश साहू, यक्ष साहू, गुरुदेव महिपाल, युवराज साहू, योगिराज चंद्राकर समेत कई युवाओं ने पकौड़े तलकर सरकार की नीतियों पर विरोध जताया। उनका कहना था कि सरकार को केवल वादे करने के बजाय वास्तविक रोजगार देने की दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए।
राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस की पृष्ठभूमि
यह दिन युवाओं द्वारा बेरोजगारी के खिलाफ आवाज उठाने का प्रतीक बन चुका है। भारत में बेरोजगारी की समस्या लंबे समय से बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की रिपोर्ट के अनुसार, देश में युवाओं की बड़ी संख्या रोजगार से वंचित है। इसी कारण युवाओं ने मोदी जी के जन्मदिन को राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
कुरूद में युवाओं द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन राष्ट्रीय बेरोजगार दिवस के रूप में मनाया जाना इस बात का स्पष्ट संकेत है कि बेरोजगारी आज भी देश की सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है। सरकार को चाहिए कि वह केवल नारेबाजी और योजनाओं की घोषणा से आगे बढ़कर वास्तविक रोजगार सृजन पर ध्यान दे, ताकि देश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके।







