परिषद की बैठक और विवाद की शुरुआत
नगर पालिका कुरुद में प्रस्ताव छेड़छाड़ का मामला सामने आने के बाद राजनीति गरमा गई है। विपक्षी पार्षदों ने आरोप लगाया है कि परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को बदला गया है। नगर पालिका कुरुद में प्रस्ताव छेड़छाड़ का यह मुद्दा अब आंदोलन की चेतावनी तक पहुंच गया है।11 अप्रैल 2025 को परिषद की साधारण सम्मिलन बैठक में विषय क्रमांक 8 पर चर्चा हुई। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नया नगर पालिका भवन पूर्ण सुविधायुक्त बनाया जाए और इसके लिए शासन से राशि एवं जमीन की मांग की जाए। इसके साथ ही पुराने नगर पंचायत भवन को तोड़ने और सामने की चार दुकानों को हटाने का भी प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया था।
लेकिन विपक्ष का कहना है कि असल निर्णय से छेड़छाड़ कर दस्तावेज़ में अलग बातें लिखी गईं। यही कारण है कि विवाद बढ़ा और अब यह मुद्दा बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
विपक्ष का आक्रोश
वरिष्ठ पार्षद मनीष साहू और रजत चंद्राकर ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि परिषद में लिए गए निर्णय और लिखित प्रस्ताव में अंतर है। उपाध्यक्ष देवव्रत साहू ने भी चेतावनी दी कि इस तरह की “भर्राशाही” अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पार्षद मंजू साहू, उत्तम साहू, राखी चंद्राकर और अर्जुन ध्रुव ने भी इस विरोध में समर्थन दिया। विपक्ष ने संख्या बल का सहारा लेकर सीएमओ को ज्ञापन सौंपा और कहा कि यदि सुधार नहीं हुआ तो आंदोलन की राह अपनाई जाएगी।
प्रशासन का पक्ष
मुख्य नगरपालिका अधिकारी (सीएमओ) महेन्द्र गुप्ता ने विपक्ष के आरोपों को बेबुनियाद करार दिया। उन्होंने कहा कि परिषद नगर के विकास और राजस्व वृद्धि की दृष्टि से निर्णय लेती है। नगर को सुंदर स्वरूप देने और आगे बढ़ाने के लिए प्रस्ताव में केवल विस्तार किया गया है।
सीएमओ का मानना है कि नगर पालिका कुरुद में प्रस्ताव छेड़छाड़ का आरोप नगरहित में सही नहीं है और विकास कार्यों को राजनीति से ऊपर रखा जाना चाहिए।
विपक्ष बनाम सत्ता पक्ष
यह विवाद केवल एक प्रस्ताव का नहीं है, बल्कि नगर पालिका की कार्यप्रणाली और पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े करता है। विपक्ष का आरोप है कि यदि निर्णय को बार-बार बदला गया तो परिषद का महत्व ही समाप्त हो जाएगा। वहीं, सत्ता पक्ष का कहना है कि नगर की प्राथमिकता विकास है और इसी उद्देश्य से प्रस्ताव में संशोधन किया गया।
नगरहित और जनता की उम्मीदें
कुरुद की जनता चाहती है कि नगर में आधुनिक भवन और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बने, जिससे रोजगार और राजस्व दोनों बढ़ें। लेकिन नगर पालिका कुरुद में प्रस्ताव छेड़छाड़ जैसे विवाद विकास की राह में बाधा डाल सकते हैं।
लोगों की उम्मीदें इस बात पर टिकी हैं कि परिषद और प्रशासन आपसी मतभेद भुलाकर नगरहित में ठोस कदम उठाएं।
कुरुद नगर पालिका में प्रस्ताव को लेकर खड़ा हुआ यह विवाद केवल सत्ता और विपक्ष का टकराव नहीं है, बल्कि नगर के विकास की दिशा पर भी सवाल खड़ा करता है। यदि नगर पालिका कुरुद में प्रस्ताव छेड़छाड़ जैसे आरोपों का समाधान नहीं निकला तो आंदोलन और विवाद आगे बढ़ सकते हैं। समय की मांग है कि सभी जनप्रतिनिधि नगरहित को प्राथमिकता देकर समाधान निकालें।







